जनसंवाद डेस्क: आज हम गुरु पूर्णिमा के विशेष उत्सव के बारे में चर्चा करेंगे, इसका महत्व समझेंगे। इसके साथ ही इसके आयोजन का समय और शुभ मुहूर्त जानेंगे। धर्म, संस्कृति और शिक्षा का महत्व हमारे समाज में अद्वितीय है। हमें इन मूल्यों की समर्पित आदर्श परंपरा को बढ़ावा देना चाहिए। इसके लिए हमारी संस्कृति में विभिन्न त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें से एक है ‘गुरु पूर्णिमा’।
ज्ञान का महापर्व
यह हमारे संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह आषाढ़ के पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है और इस वर्ष यह त्योहार 3 जुलाई 2023 (सोमवार) को मनाया जाएगा। यह उस दिन आता है जब सूर्योदय के बाद पूर्णिमा का समय शुरू होता है और सूर्यास्त के बाद खत्म होता है। इस दिन का समय बहुत ही पवित्र माना जाता है और लोग इसे गुरु को समर्पित करते हैं।
गुरु पूर्णिमा का महत्व:
इस त्योहार का महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दिन एक ऐसे आदर्श को याद दिलाता है जिसकी महत्वता आज भी अटल है। गुरु पूर्णिमा के दिन हम अपने गुरु को सम्मानित करते हैं, उन्हें बधाई देते हैं और उनके आदर्शों को स्मरण करते हैं। यह दिन हमें अपने गुरु के प्रति श्रद्धा, समर्पण और आदर्श का प्रतीक होता है। गुरु पूर्णिमा के दिन हमें अपने गुरु की महिमा का गर्व महसूस होता है और हम उनकी प्रेरणा से जीवन को सफलता की ओर आगे बढ़ाते हैं।
गुरु पूर्णिमा का आयोजन समय:
गुरु पूर्णिमा का आयोजन समय दिनभर के दौरान होता है। लोग इस दिन उठते ही अपने गुरु के चरणों में पुष्प अर्पित करते हैं और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं। विभिन्न आध्यात्मिक स्थलों पर इस त्योहार की धूमधाम से धार्मिक कार्यक्रमों की व्यवस्था की जाती है। इस दिन सभी लोग एकजुट होकर विशेष पूजा-अर्चना करते हैं, संत समाज के कीर्तन गाते हैं और उपयुक्त प्रवचन सुनते हैं। गुरु पूर्णिमा के दिन विशेष भोजन की व्यवस्था की जाती है जहां सभी भक्तजन एक साथ बैठकर प्रसाद का आनंद लेते हैं।
इस गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु के प्रति आभार व्यक्त करें, उनकी महिमा का गर्व महसूस करें और उनके दिए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लें। इस अद्वितीय त्योहार को समर्पित करके हम अपने जीवन को उज्ज्वल बना सकते हैं और अद्यतन दुनिया में अपने गुरु के बिना कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं।
गुरु के द्वारा प्रदान की गई ज्ञान को अपनाएं
गुरु पूर्णिमा एक महान परंपरा है जो हमें शिक्षा, सम्प्रदाय और धर्म के महत्व को समझने और समर्पित रहने का अवसर प्रदान करती है। यह एक ऐसा त्योहार है जिसमें हम अपने गुरु को सम्मानित करते हैं, उनके आदर्शों को याद रखते हैं और उनके मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। इस गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु के प्रति आभार व्यक्त करें और उनके द्वारा प्रदान की गई ज्ञान को अपने जीवन में अपनाएं। इस अद्वितीय त्योहार को समर्पित करके हम अपने आदर्शों की प्राप्ति, संघटना और सद्भावना को पुनर्जीवित कर सकते हैं। गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं!