आदित्यपुर / Balram Panda : सरायकेला-खरसावाँ जिले में आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या 20 स्थित गुमटी बस्ती, चुना भट्ठा की एक सरकारी ज़मीन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है.
आरोप है कि इस भूमि को भू-माफियाओं ने फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए निजी ज़मीन घोषित कर लिया, और स्थानीय प्रशासन की चुप्पी इस पूरे प्रकरण को संदेह के घेरे में ला रही है.
फर्जी जमाबंदी, प्रशासन की मिलीभगत का आरोप
स्थानीय निवासी विश्वनाथ महतो उर्फ विशु की अगुवाई में बस्तीवासियों ने उपायुक्त, अपर उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी और भूमि सुधार उपसमाहर्ता को कई बार आवेदन दिया, जिसमें मौजा आदित्यपुर, खाता संख्या 48, प्लॉट संख्या 1424, रकवा 0.62 एकड़ भूमि को सरकारी भूमि बताया गया. बावजूद इसके, भू-माफिया श्याम सिंह और महालक्ष्मी देवी के नाम पर भूमि की जमाबंदी कर दी गई. आरोप है कि इसमें सक्षम अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध रही है.
मामला उठा, तो शांतिभंग का मुकदमा ठोका गया
बताया जा रहा है कि जब शिकायतकर्ता ने आवाज उठाई और धरना देने की अनुमति मांगी, तो उल्टे विश्वनाथ महतो पर ही शांतिभंग और अवैध अतिक्रमण का मुकदमा दर्ज कर दिया गया. इससे आक्रोशित बस्तीवासियों ने आरोप लगाया कि उन्हें न्याय मांगने की सज़ा दी जा रही है.
जाँच रिपोर्ट ने खोली पोल, पर कार्रवाई शून्य
भूमि सुधार उपसमाहर्ता सरायकेला के न्यायालय ने अपील संख्या 22/2023-24 में स्पष्ट किया कि यह भूमि झारखंड सरकार की है और वर्तमान में खाली (परती) पड़ी है, राजस्व उप निरीक्षक की जाँच में भी पाया गया कि न तो श्याम सिंह और न ही महालक्ष्मी देवी का उस ज़मीन पर वैध कब्जा है. बावजूद इसके, अभी भी झारभूमि पोर्टल पर महालक्ष्मी देवी का नाम दिख रहा है.
नामांतरण वाद खारिज, फिर भी नाम पोर्टल से क्यों नहीं हटा?
नामांतरण वाद संख्या 616/2022-23 को खारिज कर दिया गया है, पीड़ितों का सवाल है कि जब आदेश खारिज हो गया, तो अब तक नाम पोर्टल से क्यों नहीं हटाया गया? और कैसे एक ही ज़मीन सरकारी और रैयती दोनों हो सकती है?
बस्तीवासियों की मांग: हो न्यायिक जाँच
बस्तीवासियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि पूरे मामले की न्यायिक जांच कराई जाए, भू-माफियाओं और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो, और भूमि सुधार उपसमाहर्ता के न्यायालय में लंबित लगान निर्धारण वाद संख्या 01/2018-19 को निरस्त किया जाए. वहीं, बस्तीवासियों ने बताया कि “हमने आवेदन देकर न्याय मांगा, लेकिन उल्टे हम पर मुकदमा कर दिया गया. ज़मीन सरकारी है, फिर भी भू-माफिया कब्जा कर रहे हैं.