सोशल संवाद/जमशेदपुर: झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा मे भूमिज भाषा को जनजातिय भाषा के रूप मे शामिल करने की मांग को लेकर भारतीय आदिवासी भूमिज समाज का एक प्रतिनिधिमंडल विधायक संजीव सरदार के नेतृत्व मे झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। इस दौरान विधायक रामदास सोरेन एवं विधायक समीर महंती भी मौजूद रहे।
प्रतिनिधिमंडल ने सीएम हेमंत सोरेन सोरेन को एक ज्ञांपन सौंपा, जिसमें कहा गया है कि झारखंड के 32 जनजातिय मे शामिल भूमिज जाति की अपनी मातृभाषा भूमिज है, जबकि लिपि के रूप ओल ओनोल है। भूमिज जनजाति के लोग मुख्यत: पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, रांची, धनबाद आदि जिला मे निवास करते है, जिसका आबादी लगभग 3.5 लाख है। भूमिज जनजाति के मातृभाषा भूमिज को झारखंड राज्य मे द्धितीय राजभाषा का दर्जा प्राप्त है।
झारखंड सरकार के कार्मिक, प्रशासनिक एवं राजभाषा विभाग के पत्रांक- 11/कचआ/02-04/2016/953 रांची, दिनांक-18.02.2022 के आलोक मे झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा मैट्रीक तथा इंटरमीडियट स्तर की परीक्षाओं मे जिला स्तरीय पदो के लिए पत्र-2 में जिलावार जनजातिय भाषाओं मे भूमिज को पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम एवं सरायकेला-खरसांवा जिला मे शामिल किया गया था। परंतु वर्तमान मे झारखंड सरकार के द्वारा प्रकाशित गजट संख्या-145, दिनांक- 13.03.2023 के झारखंड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा मे पत्र-2 के जनजातिय भाषा के रूप मे भूमिज को शामिल नही किया गया है।
मैट्रीक-इंटर स्तर के परीक्षा मे पत्र-2 के रूप मे जनजाति भाषा भूमिज को शामिल नहीं किये जाने से भूमिज भाषा की लोकप्रियता घटेगी और पढ़ाई के रूची भी कम होगा, इस स्थिति मे भूमिज भाषा लोप होने का संकट आ जायेगा। अत: झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा मे भूमिज भाषा को जनजातिय भाषा के रूप मे शामिल किया जायेगा।
इस दौरान भारतीय आदिवासी भूमिज समाज के राष्ट्रीय महासचिव दिनेश सरदार, युधीष्ठीर सरदार, मेयलाल सरदार, बिमल सरदार, सर्वेस्वर सरदार शामिल है।