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जमशेदपुर, बृहद झारखंड कला संस्कृति मंच का ऑनलाइन बैठक संपन्न, कहा- टुसु परब में मूर्ति का कोई स्थान नहीं, हमारी संस्कृति में चौड़ल का परंपरा

By Goutam

Published on:

 

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सोशल संवाद/जमशेदपुर: जमशेदपुर, बृहद झारखंड कला संस्कृति मंच का ऑनलाइन बैठक आज संपन्न हुआ। मंच ने डहरे टुसु परब के बाद बृहद झारखंड के सभी टुसु परब कमिटी से अपील किया था कि टुसु परब में अपने संस्कृति के अनुसार ही चौड़ल रखे।

टुसु के मूर्ति स्वरूप के माध्यम से फ़ैल रहे अपसंस्कृति कोई स्थान न दे। बैठक में मंच के सभी सदस्यों ने अपने इस बात को दोहराया कि अपने संस्कृति के अनुसार टुसु परब में मूर्ति का कोई स्थान नहीं है। हमलोगों के परंपरा संस्कृति में चौड़ल का परंपरा रहा है।

आज भी जहाँ टुसु परब होता है वहा चौड़ल रहता है। लेकिन कालांतर में चोर दरबाजा से मूर्ति घुश गया है. आज कुछ लोग उसे अपना परंपरा समझ बैठा है। हमलोगों का काम है झारखंडी समाज में परंपरा संस्कृति से भटके हुए लोगों को सही रास्ता दिखाना और इस काम को हमलोगों बिना किसी के प्रभाव में आये हुए करते रहेंगे।

मंच ने आगे बताया कि हमलोगों ने 8 जनवरी को आयोजित डहरे टुसु परब में टुसु परब में सिर्फ चौड़ल को ही प्रथमिकता देकर अपने संस्कृति को शहर में स्थापित करने का काम किया था। लेकिन आज कुछ परब कमिटी के लोग टुसु परब में चौड़ल के साथ साथ मूर्ति को भी घुसा रहे है। लेकिन कोई भी टुसु परब कमिटी टुसु परब में मूर्ति घुसने पर खुले मंच से यह वयान देने से कतरा रहे है। झारखंडी समाज के लोग उनलोगों से भी बाद में जवाब तलब करने का काम करेंगी।

मंच ने बताया कि जहाँ भी टुसु में मूर्ति घुस रहा है उन सभी परब का मेला का हमलोग सिद्धांतिक रूप से विरोध करते है। साथ ही बृहद झारखंड के सभी टुसु परब कमिटी से अपील करते है कि टुसु मूर्ति में प्राइज देकर इसे बढ़ावा न देने का अपील किया। यह कोई देवी देवता का नहीं, कोई राजकुमारी कहानी नहीं है। टुसु यानि धान धान यानि डिनिमाय यानि बीज संरक्षण का और फसल उठाने के परब है. खुशी का परब है।

ऑनलाइन बैठक में जयराम महतो, चन्दन महतो, धनंजय महतो, प्रकाश महतो, राजेश महतो माधव महतो, बिकास महतो, डॉ अनिल महतो, मंटू महतो, राम प्रसाद महतो, अंकुर कुड़मी, जगदीश कुमार, प्रहलाद गुलियार, रुम्पा कुमारी, जया कुमारी, मोनिका महतो, बीरसिंह महतो, बनमाली महतो, दीपक रंजीत आदि लोग उपस्थित थे।

 

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