जनसंवाद डेस्क: बिहार में दूसरे राज्य के निवासी भी शिक्षक अब बन सकेंगे। बिहार में होने वाले शिक्षक नियुक्ति के लिए बिहार सरकार ने नियमावली में संशोधन कर स्थानीय निवासी होने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। यह फैसला नीतीश कैबिनेट ने मंगलवार को नितीश कैबिनेट की बैठक यह फैसला लिया गया है। पहले शिक्षक भर्ती में बिहार का स्थायी निवासी होना जरूरी था। कैबिनेट ने शिक्षक भर्ती में स्थायी निवासी की अर्हता को खत्म कर दिया है। यह नियम हटते ही देश भर के युवा इस भर्ती में शामिल हो सकते हैं।
मिलेगा राज्य कर्मी का दर्ज़ा
कुछ समय पूर्व ही सरकार ने पंचायत और नगर निकाय से शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया को समाप्त करते हुए बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से शिक्षकों की बहाली का निर्णय लिया था। आयोग के जरिये बहाल शिक्षकों को राज्य कर्मियों को दर्जा भी देगी।
बिहार में 1.70 लाख से ज्यादा होनी है नियुक्ति
नई नियमावली के तहत 1.70 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति होनी है लेकिन, इसके लिए बिहार के स्थायी निवासी की अर्हता तय की गई थी। कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि संशोधन के बाद अब इस परीक्षा में किसी भी प्रदेश के शिक्षक उम्मीदवार भाग ले सकेंगे और शिक्षक बन सकेंगे।
बता दें कि 1 लाख 70 हजार टीचरों की भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसका आवेदन 15 जून 2023 से लिए जा रहे हैं। फिलहाल 12 जुलाई तक आवेदन का आखिरी तिथि है।
शिक्षक नियुक्ति (किस विषय में कितने पद)
प्राथमिक शिक्षक | कक्षा एक से पांच |
सामान्य | 67,066 |
उर्दू | 12729 |
बांग्ला | 148 |
कुल पद | 79,943 |
माध्यमिक शिक्षक (कक्षा नौ से दस)
विषय | कुल पद |
हिंदी | 5486 |
अंग्रेजी | 5425 |
विज्ञान | 5425 |
गणित | 5425 |
सामाजिक विज्ञान | 5425 |
संस्कृत | 2839 |
उर्दू | 2300 |
अरबी | 200 |
फारसी | 300 |
बांग्ला | 91 |
कुल पद | 32,916 |