जनसंवाद डेस्क: बागबेड़ा ट्रैफिक कॉलोनी निवासी रेलकर्मी एसके पिल्लई की इलाज के दौरन टाटा मेन अस्पताल में रविवार सुबह मौत हो गई। मौत की जानकारी मिलने के बाद परिजनों का जहां रो-रोकर बुरा हाल है। वही टाटानगर रेलवे ओबीसी कर्मचारी एसोसिएशन में काफी आक्रोश है।
क्या था पूरा मामला
घटना बीते बुधवार की है जब टाटानगर आरपीएफ कारोबारी ओमप्रकाश कसेरा को जमीन का कब्जा दिलाने गई थी। जमीन पर कब्जा दिलाने के दौरान पहले सतीश पिल्लई की पत्नी और बेटी ने आत्मदाह का प्रयास किया था। इसके बाद आरपीएफ ने दोनों को पकड़कर हवालात में बंद कर दिया। इसके बाद ड्यूटी से लौटने के उपरांत एसके पिल्लई ने भी आत्मदाह का प्रयास किया। घायल अवस्था में एसके पिल्लई को टाटा मेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां रविवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई। एसके पिल्लई 60 फीसदी से भी अधिक जल गए थे।
परिजनों ने लगाया आरपीएफ पर आरोप
सतीश पिल्लई ने परिवार के समक्ष एक वीडियो जारी कर कहा था कि आरपीएफ और लैंड डिपार्टमेंट को ओमप्रकाश द्वारा पैसे खिलाकर काम करवाया जा रहा है। आरपीएफ उन्हें और उनके परिवार को परेशान कर रही है। इसकी शिकायत ट्वीट के माध्यम में रेल मंत्री और रेल मंत्रालय के अलावा डीआरएम को भी की, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। तंग आकर उन्होंने खुद को आग लगा ली थी।
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सतीश पिल्लई रेलवे में इलेक्ट्रिकल लोको शेड में टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत थे। उनके घर में पत्नी के अलावा दो बेटी और एक बेटा है। परिवार के लोग घटना का पूरा जिम्मेवार आरपीएफ को ही बता रहे हैं। परिजनों का कहना है कि आरपीएफ ने जबरन उनकी जमीन को ही दूसरे को दखल दिलाने का काम किया गया।