जनसंवाद, जमशेदपुर: झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा-2024 एवं झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की और से ली जानेवाली परीक्षा में आदिवासी भूमिज भाषा को शामिल करने की मांग को लेकर सोमवार को पोटका के विधायक संजीव सरदार के नेतृत्व में भूमिज समाज के युवाओं का एक प्रतिनिधिमंडल रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की. इस दौरान विधायक मंगल कालिंदी एवं विधायक समीर महंती भी मौजूद थे.
प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौपकर शिक्षक पात्रता परीक्षा-2024 जेएसससी की और से ली जानेवाली परीक्षा मे जनजातीय भूमिज भाषा को शामिल करने की मांग किया है. ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड अधिविद्य परिषद, रांची के द्वारा विज्ञापन संख्या-30/2024, दिनांक-18.07.2024 के तहत शिक्षक पात्रता परीक्षा-2024 के लिये ओन-लाईन आवेदन लिया जा रहा है.
इस विज्ञापन के 2 (च) मे उल्लेख किया गया है कि शिक्षक पद पर नियुक्ति हेतू अभ्यर्थी को भाषा-2 मे कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के अधिसूचना संख्या-1428, दिनांक-10.03.2023 (प्राथमिक कक्षा (कक्षा 01 से 05) एवं अधिसूचना संख्या-1427, दिनांक- 10.03.2023 (उच्च प्राथमिक कक्षा (कक्षा-06 से 08) के लिये) मे उल्लेखित 15 भाषाओं मे से किसी एक भाषा की परीक्षा देना अनिवार्य होगा, लेकिन उक्त भाषाओं की सूचि मे भूमिज भाषा को शामिल नहीं किया गया है. भूमिज भाषा झारखंड की जनजातीय भाषा है, जिसे राज्य के द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्राप्त है.
झारखंड मे चार प्रमुख जनजातीय के पश्चात पांचवा स्थान भूमिज का आता है, जिसका जनसंख्या लगभग तीन लाख के करीब है, जिसकी मातृभाषा भूमिज है. इसके पूर्व झारखंड अधिविद्य परिषद, रांची द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा-2012 एवं 2016 मे भूमिज भाषा को शामिल करते हुये कोड संख्या-57 दिया गया था.
इसके साथ ही जेएसससी की और से ली गयी झारखंड वनरक्षी प्रतियोगिता परीक्षा-2014, झारखंड कक्षपाल प्रतियोगिता परीक्षा-2015 मे भूमिज को जनजातीय भाषा के रूप मे शामिल किया गया था, जिस विषय मे परीक्षा देकर अनेक युवा आज सरकारी नौकरी कर रहे है, लेकिन 2023 के बाद किसी भी परीक्षा मे भूमिज भाषा को शामिल नहीं किया जा रहा है. इससे भूमिज छात्र-छात्राये अपने भाषा मे परीक्षा देने में वंचित रह जा रहे है.
इसलिये शिक्षक पात्रता परीक्षा-2024 एवं जेएसससी की और से ली जानेवाले परीक्षाओ भूमिज भाषा को अविलंब शामिल किया जाये. इसपर मुख्यमंत्री श्री सोरेन तत्काल शिक्षा विभाग के सचिव को अग्रेत्तर कार्रवाई का निर्देश दिया.
इस दौरान परमेश्वर सरदार, जगजीवन सरदार, बिहारी लाल सरदार, हाड़ी राम सरदार, देवजन्त्र सरदार, श्रीकंन्त भूमिज, मोनिका सिंह, दशरथ सरदार, रविंद्र सरदार, रोहित सिंह सरदार, सूरज सरदार, कृष्ण सिंह सरदार, विशुन पद सरदार, कंचन सरदार, बिरजय सरदार आदि शामिल थे.