जनसंवाद, जमशेदपुर: पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता मानगो नगर निगम के कचरा निष्पादन के बारे में अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भ्रम फैला रहे हैं। वास्तव में बन्ना गुप्ता जैसे लोग इस समस्या का समाधान नहीं होने दे रहे है। मई 2023 में एनजीटी ने कहा था कि सोनारी के रिहायशी इलाके में कचरा नहीं गिराया जाएगा और सभी नगर निकाय अपने क्षेत्र के कचरा निष्पादन के लिए उपाय करेंगे। फलस्वरूप जेएनएसी का कचरा, टाटा स्टील के सिदगोड़ा स्थित बारा काम्प्लेक्स में गिराया जा रहा है। मंत्री रहते हुए बन्ना गुप्ता ने यदि चाहा होता तो मानगो नगर निगम का कचरा भी टाटा स्टील के बारा काम्प्लेक्स मंें जेएनएसी की तरह गिराया जा सकता है। परन्तु बन्ना गुप्ता ने टाटा स्टील से व्यक्तिगत लाभ लिया, परन्तु मानगो का कचरा टाटा के बारा कॉम्प्लेक्स में गिराने का प्रयास नहीं किया।
कचरा निष्पादन के लिए मानगो, जुगसलाई और आदित्यपुर नगरपालिकाओं के लिए आदित्यपुर नगर निगम को नोडल एजेंसी बनाया गया है। मेरी बात पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त और सरायकेला-खरसांवा के उपायुक्त से हुई तो उन्होंने मुझे आश्वस्त किया कि जिस स्थान पर और जिन शर्तों पर आदित्यपुर नगर निगम का कचरा गिराया जा रहा है, उसी स्थान पर और उन्हीं शर्तों के आधार पर मानगो का कचरा भी गिराया जाएगा। दो दिनों तक मानगो का कचरा उस स्थान पर गिराया गया, परन्तु बीच में बन्ना गुप्ता और उनके लगुए-भगुए इसमें बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। मैं लगातार मानगो नगर निगम के उप नगर आयुक्त और आदित्यपुर नगर निगम के नगर आयुक्त के संपर्क में हूँ, ताकि नोडल एजेंसी होने के कारण मानगो का कचरा वहाँ गिराया जाय, जहाँ आदित्यपुर का कचरा गिर रहा है। नोडल एजेंसी होने के कारण मानगो और जुगसलाई का कचरा अंततः आदित्यपुर में ही जाना है।
इस बारेे में मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर बन्ना गुप्ता अपने लिए केवल प्रचार सामग्री जुटा रहे हैं। वे अच्छी तरह जानते हैं कि विगत कुछ दिनों से झारखण्ड के मुख्यमंत्री राज्य से बाहर हैं और विभिन्न धार्मिंक स्थानों पर पूजा-पाठ कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री को पत्र लिखने से समस्या नहीं सुलझेगी, यह बन्ना गुप्ता अच्छी तरह से जानते हैं। ऐसा कर वे प्रचार पाना चाहते है। वास्तव में बन्ना गुप्ता को खुशी हो रही है कि मानगो में कचरा निष्पादन की समस्या पैदा हो गई है और उनके लिए राजनीति करने का अवसर मिल गया है। वस्तुतः यह मामला मुख्यमंत्री के स्तर का नहीं है। इसका समाधान सरायकेला के उपायुक्त और पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त तथा मानगो नगर निगम और आदित्यपुर नगर निगम के नगर आयुक्त के स्तर से हो सकता है और उन्हीं के स्तर से यह होगा भी। चूंकि सोनारी की जनता ने बन्ना गुप्ता को वोट नहीं दिया इसलिए सोनारी के लिए परेशानी पैदा करना चाह रहे हैं। जब आदित्यपुर नगर निगम के कचरा निष्पादन स्थल पर दो दिनों तक मानगो नगर निगम का कचरा गिराया गया तो क्या कारण है कि बीच-बीच में मानगो नगर निगम काा कचरा वहाँ गिराने में बाधा उत्पन्न हो रही है। वास्तव में बन्ना गुप्ता और उनके लोग इसमें बाधा पैदा कर रहे हैं।
डेढ़ वर्ष तक एनजीटी का आदेश नहीं लागू कराने के लिए और मानगो नगर निगम का कचरा निष्पादन के लिए जगह चिन्हित नहीं करा पाने के लिए यदि कोई व्यक्ति दोषी है तो वह केवल बन्ना गुप्ता है। अब वे अपने दोष से पिंड छुड़ाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिख रहे हैं और अपने लिए प्रचार का साधन जुटा रहे है। मानगो नगर निगम क्षेत्र में व्याप्त वर्तमान समस्या का हल नहीं निकालने के लिए बन्ना गुप्ता को जनता से माफी मांगनी चाहिए।