जमशेदपुर / Balram Panda : इस रक्षाबंधन पर जहाँ बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा का धागा बाँधकर उनका आशीर्वाद लेंगी, वहीं टाटा स्टील में कार्यरत इलेक्ट्रिकल इंजीनियर और सामाजिक संस्था वॉइस ऑफ ह्यूमैनिटी के संस्थापक हरि सिंह राजपूत ने भाईचारे की एक अनोखी मिसाल पेश की है.
हरि सिंह इस बार ग्रामीण क्षेत्र की उन पाँच अनाथ बच्चियों की सालभर की स्कूल फीस खुद अदा करेंगे, जिनके माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं और संसाधनों की कमी के चलते उनकी पढ़ाई अधर में लटक गई है.
हरि सिंह राजपूत पिछले 6 वर्षों से अनाथ और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चियों की शिक्षा में आर्थिक सहायता प्रदान कर रहे हैं. अब तक वे 11 से अधिक बच्चियों को न केवल स्कूल की फीस, बल्कि समय-समय पर पाठ्यसामग्री, साइकिल, वर्दी और अन्य जरूरतों की भी पूर्ति कर चुके हैं. उनका उद्देश्य है कि कोई भी बेटी या बहन केवल माता-पिता या भाई के न होने की वजह से शिक्षा से वंचित न रहे.
हर वर्ष रक्षाबंधन पर हरि सिंह कुछ अलग और प्रेरणादायक कार्य करते हैं. उनका मानना है, “अगर समाज के सक्षम लोग एक-एक बच्ची की शिक्षा का जिम्मा लें, तो हमारे देश में कोई भी बेटी अशिक्षित नहीं रहेगी.”
श्री सिंह ने कहा कि, “गरीबी और अमीरी के बीच की सबसे बड़ी खाई शिक्षा है. यदि हम थोड़ी-थोड़ी मदद करके इन बच्चों को पढ़ने का अवसर दें, तो आने वाला भारत आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकता है.”
बता दे हरि सिंह का यह प्रयास केवल सहायता नहीं, बल्कि समाज के लिए एक संदेश है – कि भाईचारा केवल खून का रिश्ता नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा होता है. इस रक्षाबंधन पर उनका यह कार्य यकीनन कई लोगों को सोचने और कुछ कर गुजरने के लिए प्रेरित करेगा.