आदित्यपुर / Balram Panda : झारखंड प्रशासनिक सेवा की तेजतर्रार अधिकारी और वर्तमान में आदित्यपुर नगर निगम की उपनगर आयुक्त श्रीमती पारुल सिंह को वर्ष 2025 का ग्लोबल रिकग्निशन अवॉर्ड से नवाजा गया है. यह सम्मान उन्हें सार्वजनिक प्रशासन में उनके उत्कृष्ट नेतृत्व, निष्कलंक ईमानदारी, पारदर्शिता, और समाज के हाशिये पर खड़े वर्गों के लिए किए गए संवेदनशील कार्यों के लिए प्रदान किया गया.
इस सम्मान के लिए चयन R.A.I.S.H मॉडल इवैल्यूएशन सिस्टम के माध्यम से हुआ — यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मूल्यांकन प्रक्रिया है जो प्रशासनिक सेवाओं में पारदर्शिता, निष्पक्षता और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता की कसौटी पर परखा जाता है. उल्लेखनीय है कि पारुल सिंह को सभी मूल्यांकन मानकों पर पूर्ण 5 अंक प्राप्त हुए, जो उनकी कार्यकुशलता और नैतिक प्रतिबद्धता का प्रमाण है.
जमशेदपुर और आस-पास के क्षेत्रों में “लेडी सिंघम” के नाम से लोकप्रिय पारुल सिंह ने अपने प्रशासनिक कार्यकाल में भ्रष्टाचार, मानव तस्करी, नशा कारोबार और अवैध खनन के खिलाफ निडरता के साथ कार्रवाई की है. राजनीतिक और प्रशासनिक दबावों के बावजूद, उन्होंने हमेशा जनता के अधिकारों को प्राथमिकता दी और न्याय की मजबूत मिसाल पेश की.
आपदा के समय उनके नेतृत्व की मिसालें आज भी लोगों के बीच चर्चित हैं. बाढ़ राहत के दौरान वे खुद कमान संभालते हुए लोगों तक पहुंचीं. नक्सल प्रभावित चाईबासा में उन्होंने सीआरपीएफ के सहयोग से राहत शिविरों का संचालन किया. यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया से प्रभावित ग्रामीणों के लिए उन्होंने निष्पक्ष मुआवजे की मांग कर सरकारी संवेदनहीनता के खिलाफ आवाज़ उठाई.
कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी मानवीय नेतृत्व शैली और संगठनात्मक दक्षता के चलते हजारों ज़िंदगियाँ सुरक्षित रह सकीं. उन्होंने राहत सामग्री वितरण से लेकर प्रवासी मजदूरों की वापसी और चिकित्सा संसाधनों की आपूर्ति तक हर मोर्चे पर व्यक्तिगत निगरानी रखी.
ग्लोबल रिकग्निशन अवॉर्ड सिर्फ पारुल सिंह की व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि झारखंड की उस नई महिला प्रशासनिक पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करता है, जो हर चुनौती के सामने निडरता, संवेदना और कर्तव्यनिष्ठा से डटी हुई है.
यह सम्मान उन मूल्यों की जीत है, जो प्रशासन को केवल पद नहीं, बल्कि सेवा, न्याय और जनकल्याण का माध्यम बनाते हैं.