जनसंवाद, जमशेदपुर: भारतीय नौसेना की अदम्य साहस, रणनीति और सेवा-भाव को समर्पित नौसेना दिवस का आयोजन गुरुवार को जमशेदपुर के गोलमुरी स्थित शहीद स्मारक में राष्ट्र चेतना एवं कोशिश एक मुस्कान लाने की संस्था की ओर से किया गया। कार्यक्रम में भारतीय नौसेना की वीरता, 1971 के युद्ध में निर्णायक भूमिका और नौसैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को याद किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ कोशिश एक मुस्कान के संरक्षक शिव शंकर सिंह द्वारा भारत माता के चित्र एवं शहीद स्मारक पर माल्यार्पण के साथ हुआ। इसके उपरांत अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के सदस्य एवं संगठन के संस्थापक वरुण कुमार द्वारा संगठन गीत प्रस्तुत किया गया।
नौसेना दिवस के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए, पूर्व सैनिक शेखर सहाय ने बताया कि 1971 के भारत–पाक युद्ध में भारतीय नौसेना की रणनीति और पराक्रम ने विजय की नींव रखी।
उन्होंने बताया कि कैसे नेवी ने समुद्री रक्षा और अद्वितीय युद्धक क्षमता का प्रदर्शन करते हुए दुश्मन के कई ठिकाने ध्वस्त किए।
इस दौरान पूर्व नौसेनिक वरुण कुमार और क्रीड़ा भारती के राजीव कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने युद्ध के दौरान INS वीर, निफ्ट, निर्घट, राजपूत और अक्षय जैसे युद्धपोतों की तकनीकी खूबियों और युद्धक भूमिका का विस्तृत वर्णन किया।
कार्यक्रम में 1971 के युद्ध में डूबे INS खुकरी के 176 नौसैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई तथा उसके कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन महेंद्रनाथ मुल्ला के साहस और सर्वोच्च योगदान को याद किया गया। आमंत्रित अतिथियों व पूर्व सैनिकों ने उनके त्याग और नौसैनिक मूल्यों के लिए मौन श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथियों एवं सभी उपस्थित सैनिक साथियों ने शौर्य और विजय की गौरवगाथा के प्रतीक स्वरूप केक काटकर नौसेना दिवस का जश्न मनाया। मंच से वक्ताओं ने कहा कि “भारतीय सेना की मौजूदगी में सीमा के अंदर किसी भी दुश्मन की चाल कभी सफल नहीं हो सकती। नौसेना, थल सेना और वायु सेना — तीनों हमारे देश की सुरक्षा और सम्मान के प्रहरी हैं।” कार्यक्रम का संचालन गुरुनाम सिंह ने किया।
इस मौके पर मुख्य रूप से संगठन के संस्थापक वरुण कुमार, राज मारवाह, रंजीत प्रसाद, सुभाष कुमार, राजेश शर्मा, हनी सिंह परिहार, पप्पू, हैप्पी, मुकेश समेत कई पूर्व सैनिक अपने परिवारों के साथ उपस्थित रहे।

















