जनसंवाद, जमशेदपुर: मां बनना किसी वरदान से कम नहीं है, लेकिन यह महिलाओं के लिए तब अभिशाप बन जाता है जब वो किसी कारण इस सुख से वंचित रह जाती है। दरअसल, हमारे देश में आज भी बांझपन को एक सामजिक कंलक के रूप में देखा जाता है। इसका प्रकोप सबसे ज्यादा महिलाओं को झेलना पड़ता है। ऐसे में अंकुरम आईवीएफ महिलाओं एवं पुरुषों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आईवीएफ वो तकनीक है जिसके जरिए बांझ महिलाएं भी मां बनने का सुख पा सकती हैं।
जमशेदपुर और रांची के बेहतर अस्पतालों में से एक अंकुरम आईवीएफ सेंटर बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए एक समर्पित संस्था है, और नि:संतानता क्षेत्र में उत्तम सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह अस्पताल नवीनतम तकनीक, उन्नत मशीनों और कुशल और अनुभवी भुण वैज्ञानिक और प्रजनन विशेषज्ञ से युक्त है। मरीजों को यहां विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
इसी कड़ी में अंकुरम आईवीएफ सेंटर में पहली वर्षगांठ मनायी गई। मौके पर क्लीनिक की संस्थापक एवं निदेशक डॉ रूही श्रीवास्तव और डॉ राज नारायण साहू ने कहा कि हमने कई निसंतान दंपतियों के सपनों को पूरा करने में मदद किया है। डॉ रूही ने कहा कि जब किसी को संतान सुख की प्राप्ति होती है तो उससे ज्यादा सुकून देने वाला पल और कोई नहीं सकता। सेंटर की ओर से झारखंड के विभिन्न जिलों में अबतक 105 नि:शुल्क निसंतानता शिविर का आयोजन किया गया है। इस दौरान 1500 से अधिक लोगों को नि:शुल्क परामर्श दिया गया। जिनमें निःशुल्क परामर्श और प्रारंभिक जांच की सुविधा दी गई है।
इन शिविरों में (CASA), अल्ट्रासाउंड और प्रजनन परामर्श जैसी उन्नत जांच सेवाएं निःशुल्क प्रदान की गई हैं, जिससे निःसंतानता की चुनौतियों का सामना कर रहे अनगिनत परिवारों को आशा मिली है। इन शिविरों ने न केवल निःसंतानता के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद की है, बल्कि जोड़ों को विशेषज्ञ परामर्श, जांच और व्यक्तिगत उपचार योजनाओं तक पहुँचने का अवसर भी प्रदान किया है।
अस्पताल प्रबंधन हमेशा इस बात का खास ख्याल रखता है कि मरीजों को चिकित्सीय सेवाओं और सुविधाओं से वंचित ना होना पड़े। डॉ. रुही श्रीवास्तव ने क्लिनिक के साल पूरे होने की यात्रा के बारे में कहा: “पिछले एक साल की हमारी यात्रा उल्लेखनीय रही है और हम उन जोड़ों के विश्वास और भरोसे के लिए गहराई से आभारी हैं जिन्होंने हम पर भरोसा किया। अंकुरम आईवीएफ में हमें मिली सफलता का आधार हमारी यह प्रतिबद्धता है कि हम निःसंतानता का सामना कर रहे लोगों को आसा प्रदान करें। हम जमशेदपुर में उन्नत प्रजनन उपचार को सभी के लिए सुलभ बनाने के लिए लगातार काम करते रहेंगे। यह उपलब्धि हमारे इस समर्पण का प्रमाण है कि हम झारखंड में आईवीएफ उपचार को किफायती और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
डॉ. राजनारायण साहू, मुख्य भ्रूणविज्ञानी और अंकुरम आईवीएफ के निदेशक ने कहा: “उच्च सफलता दर के साथ, अंकुरम आईवीएफ जमशेदपुर में आईवीएफ के अग्रणी प्रदाता के रूप में उभरा है। हम CASA (कंप्यूटर सहायक वीर्य विश्लेषण), ब्लास्टोसिस्ट कल्चर, लेजर असिस्टेड हैचिंग, विट्रिफिकेशन और उन्नत क्रायोप्रिजर्वेशन तकनीकों का उपयोग करके प्रजनन परिणामों को बढ़ाते हैं। हैं। हमारे निःशुल्क शिविरों के माध्यम से, हमने जमशेदपुर और आस पास के। 1,500 से अधिक जोड़ों को ये सेवाएं प्रदान की है, जिससे उन्हें बिना किसी शुल्क के महत्वपूर्ण परामर्श प्राप्त हुआ है। हमारे प्रयासों ने न केवल जागरूकता पैदा करने में मदद की है, बल्कि जोड़ों को उनकी प्रजनन चुनौतियों को समझने और उपचार की दिशा में सही कदम उठाने में भी सक्षम बनाया है।”
डॉ. नगमा अर्शी, आईवीएफ सलाहकार और अंकुरम आईवीएफ जमशेदपुर की केंद्र प्रमुख, ने आभार व्यक्त करते हुए कहा: “अंकुरम आईवीएफ परिवार का हिस्सा बनकर और झारखंड के लोगों की सेवा करने का अवसर पाकर मुझे गर्व है। मैं इस मिशन का हिस्सा बनने के लिए आभारी हूँ और उम्मीद करती हूँ, की अधिक से अधिक परिवार अपनी प्रजनन यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा कर सकें और मातृत्व-पितृत्व का आनंद पा सकें।”
डॉ. सुभोध सिंह, वरिष्ठ रेटिना सर्जन, आईरिस अस्पताल, राँची, ने अंकुरम आईवीएफ टीम को बधाई देते हुए कहा: “मैं डॉ. रुही श्रीवास्तव, डॉ. राजनारायण साहू और अंकुरम आईवीएफ की पूरी टीम को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए बधाई देना चाहता हूँ। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूँ और आथा करता हूँ कि वे भविष्य में और भी अधिक परिवारों को माता-पिता बनने के उनके सपने को पूरा करने में मदद करेंगे।”