जनसंवाद, जमशेदपुर (रॉकी कुमार): पूर्व सांसद एवं कांग्रेस के वरीय नेता डॉ. अजय कुमार ने रविवार को एक प्रेस बयान जारी कर उत्तर प्रदेश नेम प्लेट मामले पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि मणिपुर और त्रिपुरा में भाजपा सरकार द्वारा ‘राज्य प्रायोजित आतंकवाद’ के बाद अब उत्तर प्रदेश में ढाबों और रेस्टोरेंट संचालकों के नेम प्लेट लगाने के आदेश को “राज्य प्रायोजित कट्टरता” कहा जाना चाहिए. ये मनुवादी सोच वाले भाजपाई देश को धर्म और जाति के नाम पर विभाजित करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा आजादी के बाद समाप्त की गई ‘अस्पृश्यता’ को दूसरे रूप में वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है. भाजपा जाति और धर्म के आधार पर देश की एकता को तोड़ना चाहते हैं. भाजपा की ‘फूट डालो और राज करो’ नीति अब झारखंड में नहीं चलेगी नहीं चलेगी. बीजीपी यानि भारतीय जहरीली पार्टी के नेता झारखंड की भोली भाली आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदाय के बीच सांप्रदायिक जहर फैलाकर तनाव पैदा करना चाह रही है. जिस प्रकार देश के गृहमंत्री द्वारा पिछले दिनों दिया गया वह लोगों के बीच नफरत फैलान वाला शर्मनाक बयान था.
डॉ. अजय ने कहा कि भाजपा के पास झारखंड के विकास से संबंधित रोड मैप नहीं है बल्कि उनके पास झारखंड को तोड़ने प्रदेश के लोगों केबीच नफरत फैलाने का पूरा प्लान है और बीजेपी फुट डालों और राज करो नीति के आसरे झारखंड में सरकार बनने का जो सपना देख रही है. झारखंड की जनता उनके मंसूबे को पूरा होने नहीं देगी.
उन्होंने कहा कि झारखंड को व्यापम घोटाला और सारदा चीट फंड घोटाला के आरोपियों से किसी सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है. उन्हें पहले भाजपा सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप के संबंध में बताना चाहिए. बीजेपी आदिवासियों को बरगलाना चाहती है. लेकिन आदिवासी समुदाय को यह पता है की उनका हितैषी कौन है? केंद्र की मोदी सरकार को बताना चाहिए की आदिवासियों की धार्मिक, सांस्कृतिक आजादी का प्रतिक सरना धर्म कोड क्यों नहीं लागू किया गया ? इस बार झारखंड में इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी. झारखंड के लोगों ने मन बना लिया है कि भारतीय झुठी पार्टी को इस बार राज्य से तड़ीपार करना है.