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हनुमान जी के किस रूप की पूजा करने से मिलेगा कौन सा फल? पढ़ें पूरी खबर

By Goutam

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जनसंवाद डेस्क: हिंदू धर्म में जितना महत्व पूजा-पाठ का है उतना ही दिन के हिसाब से भगवान की पूजा का भी है। मंगलवार का दिन बजरंगबली की पूजा के लिए समर्पित है। जो भी भक्त इस दिन बजरंगबली को सच्चे मन से पूजता है उसकी सभी मनोकामनाएं भगवान पूरी करते हैं और सभी कष्ट हर लेते हैं। अपने इसी चमत्कारी गुण की वजह से रामभक्त हनुमान को संकट मोचन भी कहा जाता है। हनुमान जी के अनेकों स्वरूप को पूजा जाता है। पवनपुत्र के इन रूपों की पूजा करने से हर दुख-तकलीफ दूर हो जाती है। घर में उनके किस स्वरूप की पूजा की जाए और उससे क्या फल मिलता है जानें यहां:

पंचमुखी हनुमान

हनुमान जी के पंचमुखी स्वरूप की पूजा जिस घर में की जाए वहां आ रहे हर विघ्न दूर होते हैं और तरक्की के रास्ते खुल जाते हैं। अगर घर पर कोई नकारात्मक शक्ति का साया महसूस हो रहा है तो पंचमुखी हनुमान जी की तस्वीर लगाना अच्छा माना जाता है। ये फोटो ऐसी जगह पर लगाएं जहां सभी इसे देख सकें। भगवान के पंचमुखी स्वरूप की तस्वीर लगाने से बुरा साया घर में प्रवेश नहीं करता है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक रावण के पुत्र अहिरावण के वध के लिए हनुमान जी ने पंचमुखी स्वरूप धारण किया था।

वीर हनुमान

वीर हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य को पराक्रम, बल और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है। भगवान के इस स्वरूप के नाम में ही वीर लगा हुआ है। इससे उनके पराक्रम का पता चलता है। कामकाज में आ रही रुकावट उनके इस स्वरूप को पूजने से दूर होती है।

एकादशी हनुमान

कालकारमुख नाम के भयानक दैत्य के वध के लिए हनुमान जी ने प्रभु श्री राम की आज्ञा से एकादशी रूप को धारण किया था। उन्होंने शनिवार के दिन राक्षण और उसकी सेना का वध कर दिया था। मान्यता है कि हनुमान जी के एकादशी रूप की पूजा करने से सभी देवी-देवताओं की पूजा का फल मिल जाता है।

दास हनुमान

हनुमान जी का यह स्वरूप अक्सर तस्वीरों में दिखाई देता है। इस स्वरूप वाले हनुमान जी भगवान राम के चरणों में हाथ जोड़कर बैठे दिखाई देते हैं। इस तरह की प्रतिमाएं अक्सर घरों में दिखाई देती हैं। हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा करने से मनुष्य में समर्पण और सेवा की भावना को बढ़ावा देती है और हमेशा वह मनुष्य सफल होता है।

रामभक्त हनुमान

हनुमान जी की श्रीराम की भक्ति करते हुए स्वरूप की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। उनकी इस तस्वीर में हनुमान जी के हाथ में करताल दिखाई देती है। उनके इस स्वरूप को पूजने से जीवन का हर लक्ष्य बिना अड़चन के आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।

सूर्यमुखी हनुमान

शास्त्रों में संसार को रोशनी देने वाले सूर्य देव को हनुमान जी का गुरु माना गया है। अगर हनुमान जी के सूर्यमुखी स्वरूप की पूजा की जाए तो विद्या, बुद्धि, ज्ञान, तरक्की और सम्मान मिलता हैव् सूर्यमुखी हनुमान पूर्वमुखी हनुमान भी कहलाते हैं।

 

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