जनसंवाद डेस्क, खरसावां (रिपोर्ट- उमाकांत कर): खरसावां विधायक दशरथ गागराई के नेतृत्व में ग्राम सभा मंच,झारखंड जंगल बचाओ आन्दोलन के प्रतिनिधिमण्डल राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से विधानसभा में मिलकर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में स्मारण कराया गया कि 19 दसंबर 2020 को सम्पूर्ण झारखंड में अनन- फनन में कुल 57 ग्राम सभाओ को वनाधिकार कानून 2006 के तहत विधि विरुद्ध वनाधिकार प्रमाणपत्र निर्गत किया गया है।
विधिसम्मत वनाधिकार प्रमाणपत्र निर्गत किया जाये को लेकर ग्राम सभाएं तथा झारखंड जंगल बचाओ आन्दोलन ने त्रुटियों के निराकरण के नाम पर मुख्यमंत्री सचिवालय के समक्ष 20/02/21 को याचिका दायर किये। इस पर कारवाई न किये जाने को लेकर पुनः ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में यह भी ध्यानाकृष्ट कराया गया कि वनाधिकार कानून 2006 को जमीन पर गति के साथ लागू कराने पर जोर दे तथा प्रत्येक जिले में शिविर लगाकर वनाधिकार प्रमाणपत्र निर्गत करे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यह भी ध्यानाकृष्ट कराया गया कि सरायकेला-खरसावां,पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, रांची, रामगढ़, बोकारो, हजारीबाग, सिमडेगा, लोहरदगा, लातेहार तथा चतरा में जिले तथा अनुमंडल स्तरीय में करीब- करीब 3-4 हजार सामुदायिक दावा पत्र लंबित है जिसे आवश्यक क्रियान्वयन हेतु सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया जाऐ। इस विषय पर विधायक दशरथ गागराई ने विधान सभा में प्रश्न उठा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने विधिसम्मत क्रियान्वयन करने का आश्वासन दिये। मंत्री जी ने यह भी आश्वासन दिये कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट आन्दोलन से सम्बंधित वादों को भी ईन साल निष्पादन कर लिया जाएगा। शुरू जलाशय निर्माण कार्य पूर्ण होने की स्थिति में है। लेकिन लखनडीह,एवं अन्यन्य प्रभावित ग्रामीणों को 20-25 साल से पुनर्वास का व्यवस्था न किये जाने को लेकर भी ध्यानाकृष्ट कराया गया जबकि विधायक दशरथ गागराई ने इस पर विधानसभा में प्रश्न रखे है। मूखयमंत्री ने विस्थापितों के साथ न्याय तथा संतोषजनक लभान्वित करने का आश्वासन दिये।
प्रतिनिधि मंडल में सोहन लाल कुम्हार,बोकारो जिला के ओम प्रकाश माझी, रामगढ़ जिला के हीरालाल पुर्ति, अमर सिंह हासंदा, राम मुण्डा, भरत सिंह मुण्डा, करम सिंह मुण्डा, धर्मेन्द्र सिंह मुण्डा, सुखराम मुण्डा आदि उपस्थित थे।