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नवादा में अवैध खनन कारोबारी के शिकार हुए सरकार के बालू घाट संवेदक, राजस्व की हो रही है क्षति, जिम्मेदार मौन! 

By Goutam

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जनसंवाद, नवादा (विकास कुमार): नवादा जिलांतर्गत ब्लॉक 9 प्रतापपुर एवं मणिडाक स्थान पीला बालू घाट के संवेदक मणिरानी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा घाट का संचालन सभी नियम शर्तो एवं बँधेजो को पूरा करते हुए दिनाँक 3 मार्च को शुरू किया गया। लेकिन लगभग 2 वर्षों से टेंडर नहीं होने के कारण पूर्व से ही वहाँ अवैध खनन माफिया का व्यापार चरम सीमा पर था।

विभाग द्वारा कार्यादेश मिलते ही प्रशासन सशक्त सक्रिय होकर इन अवैध कारोबारी पर सख्त कार्यवाही किया जिससे अवैध खनन माफिया परेशान होकर आस-पास के ग्रामीणों में आम जन को भ्रमित कर महिलाओं को आगे करते हुए अलग-अलग तरह के बनावटी आरोप संवेदक पर लगाते हुए उनके कर्मचारियों, मशीन,ट्रक ट्रैक्टर ड्राइवर के साथ कई बार मार-पीट किया। लेकिन 7 मई को ज्यादा मारपीट किये जाने के बाद कई व्यक्ति अत्यधिक घायल हो गए जिसे थाना में इंज्यूरी कराते हुए अस्पताल में भर्ती कराया गया और कुछ एक को रेफर भी किया गया।

घायल कर्मी के द्वारा नारदीगंज थाना में प्राथमिकी दर्ज भी की गई जिनका केस संख्या 121/24 है।मुख्य रूप से इचुआ ग्राम के महिलाओं को सामने लाकर ये कहना कि प्रतापपुर बालू घाट का यह क्षेत्र नहीं है।संवेदक अवैध कर रहे हैं।इसी मुद्दे को बढ़ा हुआ देखकर नारदीगंज थानाध्यक्ष और खान निरीक्षक के संयुक्त जांच मौजूदगी में RQP की उपस्थिति में घाट का सीमांकन कराया जा रहा था लेकिन ग्रामीणों ने प्रशासन को सीमांकन नहीं करने दिया और अवैध कारोबारियों के द्वारा दूसरे छोड़ से कुछ फायरिंग भी की गई। जिससे प्रसाशन लौट गई और ग्रामीणों का मनोबल उस दिन से सातवें आसमान पर है और लगभग 11 दिन से घाट का संचालन पूर्ण रूप से बंद है। जिससे भारी मात्रा में राजस्व की क्षति हो रही है।

वहाँ का भौगोलिक परिस्तिथि परिवेश को अवलोकन करते हुए एवं जान-माल की सुरक्षा को पूर्णतः देखते हुए संवेदक जिला प्रशासन के नेतृत्व में ही घाट का संचालन शुरू करना चाहते हैं कि आगे किसी भी प्रकार का घटना न हो। लेकिन अवैध कारोबारियों द्वारा एक मुर्गा को तीन बार हलाल करते हुए उन्ही के क्षेत्र से रात्रि में बालू का अवैध उठाव करते हुए और उसी क्षेत्र को दिन में संवेदक को दोषी करार देते हुए आज तक घाट का संचालन को रोके हुए हैं।

अब जिला प्रशासन से आशा है कि राजस्व हित को देखते हुए अवैध कारोबारियों पर रोकथाम लगाते हुए साथ ही साथ भर्मित ग्रामीणों को निष्पक्ष जांचोपरांत घाट के क्षेत्र का सीमांकन करते हुए जल्द से जल्द अपने नेतृत्व में घाट का संचालन शुरू करवा दें।जिससे भारी राजस्व की क्षति से बचा जा सकें।

 

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