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करीम सिटी कॉलेज में आयोजित सेमिनार में शरीक हुए राज्यपाल रमेश बैस, कहा- एग्री स्टार्टअप युवाओं के लिए एक अच्छा अवसर

By Goutam

Published on:

 

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सोशल संवाद/जमशेदपुर: करीम सिटी कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय कृषि एवं ग्रामीण विकास का समग्र आर्थिक संवृद्धि में अंश और हिस्सेदारी विषय पर आयोजित राष्ट्रीय अंतर्रविषय सम्मेलन का उद्घाटन राज्यपाल रमेश बैस द्वारा किया गया। यह आयोजन नाबार्ड, झारखंड सरकार के उच्च शिक्षा और तकनीकी विभाग और करीम सिटी कॉलेज के सहयोग से किया जा रहा  है।

सेमिनार में वक्ता के रूप में गंगाधर पांडा, कुलपति कोल्हान यूनिवर्सिटी, गौतम कुमार सिंह, महाप्रबंधक नाबार्ड, के.जे.एस सत्यसाई, पूर्व मुख्य महाप्रबंधक, आर्थिक विश्लेषण और अनुसंधान विभाग, नाबार्ड शामिल हुए। इस अवसर पर माननीय राज्यपाल ने सम्मेलन की स्मारिका और डॉ. एमडी मोज़्ज़म नजरी, द्वारा लिखित किताब एलीमेंट्री ऑफ जीएसटी एंड कस्टम्स लॉ का भी विमोचन किया।

राज्यपाल रमेश बैस ने अपने संबोधन में झारखंड के किसानों की आर्थिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कृषि क्षेत्र में उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाए जाने के साथ राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर के विभिन्न मापदंडो के अनुरूप की गुणवत्ता में सुधार लाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने नाबार्ड के द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रयासों की सराहना करते हुए कृषि और ग्रामीण विकास हेतु सत्तत प्रयास को और भी गतिशीलता देने हेतु आह्वन किया।

उन्होंने कहा- खुशी है कि आजादी के समय खाद्यान्न की कमी का सामना करने वाला भारत अब ‘आत्मनिर्भर भारत’ बन दुनिया के कई  देशों में खाद्यान्न फिर से निर्यात कर रहा है। कृषि नवाचार ने भारत के खाद्यान्न के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। सरकार की सकारात्मक नीतियों के कारण कृषि क्षेत्र में निरन्तर  सुधार हो रहा है और किसानों की आय में वृद्धि के व्यापक प्रयास हो रहे हैं। संसार के सभी देशों में विकास कृषि के विकास के बाद ही संभव हुआ है।

राज्यपाल ने कहा कि अब जो चुनौती हमारे सामने हैं वह है एक सतत, समावेशी और जिम्मेदारी युक्त कृषि उत्पादन एवं प्रबंधन की। यह तभी संभव है जब सभी हितधारक सतत विकास लक्ष्य के प्रति अपनी नीतियों और कार्यों से आगे बढ़े। आज के समय में एग्री स्टार्टअप हमारे युवाओं के लिए एक अच्छा अवसर पैदा कर सकता है। किसानों को बड़े बाजार से जोड़ने में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। डिजिटल तकनीक को किसानों के उत्पाद और बाज़ार से जोड़ने पर चमत्कारिक परिवर्तन देखे जा सकते हैं। नाबार्ड कृषि क्षेत्र में और अच्छा कार्य कर जनमानस के हृदय में अपना स्थान हासिल करे। किसानों को नई-नई तकनीकों से खेती करने में अपना पूरा सहयोग दे और किसानों की दिन-प्रतिदिन की कठिनाइयों को दूर करने के लिए तत्पर रहे।

कुलपति, कोल्हान विश्वविद्यालय गंगाधर पांडा ने झारखंड में उपलब्ध विभिन्न प्राकृतिक स्रोतो का सदुपयोग कर कृषि आधारित स्वदेशी अर्थव्यवस्था को बढावा दिए जाने कि आवश्यकता पर जोर दिया।

इस अवसर उपायुक्त विजया जाधव, एसएसपी प्रभात कुमार, डीडीएम नाबार्ड सिद्धार्थ शंकर, करीम सिटी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ मोहम्मद रेयाज समेत कई शिक्षाविद तथा देश के अलग अलग हिस्सों से आए प्रताभागी शोधकर्ता उपस्थित थे।

 

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