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खरसावां में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस, भाषा संस्कृति में ही छिपी हुई है हमारी पहचान: सुशील षाडंगी

By Goutam

Published on:

 

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सोशल संवाद/खरसावां (रिपोर्ट- उमाकांत कर): खरसावां में मंगलवार को उत्कल सम्मेलनी उड़िया शिक्षक संघ सरायकेला खरसावां के द्वारा खरसावां के कुम्हारसाई सामुदायिक भवन में पंडित उत्कलमणि गोपाबंधु दास के चित्र पर माल्यार्पण कर धूमधाम से अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया। इस दौरान उड़िया समाज के लोगों उड़िया भाषा संस्कृति के उत्थान का संकल्प लिया।‌

मौके पर उत्कल सम्मेलनी के जिला परिदर्शक सुशील षाडंगी ने कहा कि मातृभाषा और  संस्कृति हमारी परंपरा है। इसको जीवित रखना हम सभी का कर्तव्य है। भाषाई विविधता हमारी सभ्यता का आधार रहा है। हमारी मातृभाषा सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं है। बल्कि हमारी जीवन हमारी संस्कृति हमारी पहचान व संस्कार का आधार है। भाषा सांस्कृति में‌ ही हमारी पहचान छिपी हुई है।

उन्होंने कहा कि गोपाबंधु दास एवं मधुसूदन दास ने हमेशा कहा कहते थे, “उच्च हेबा पांई करो जेबे आशा उच्च करो आगे निजो मातृभाषा” (आगे बढ़ने की उम्मीद करने से पहले अपनी मातृभाषा को आगे बढ़ायें)।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला महासचिव अजय कुमार प्रधान, जिला परिदर्शक सुशील षाडंगी, चंद्रभानु प्रधान, रश्मी रंजन मिश्रा, भरत चंद्र मिश्रा, रंजीत मंडल, शिव शंकर महतो, जयजीत षाडंगी, सविता विषेई, रंजीता महंती, सपना टोप्पो, रेणु महाराणा, कनिका डे, रंचिता महांती, बबीता मंडल, पुष्पा पुष्टि, सत्यव्रत चौहान, सपन मंडल आदि उपस्थित थे।

 

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