जनसंवाद, खरसावां (उमाकांत कर)। खुंटपानी प्रखंड के पासेया गांव में आदिवासी हो महासभा पश्चिम सिंहभूम द्वारा जोमषुईम कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में खरसावां विधायक दशरथ गागराई और समाजसेवी बासंती गागराई पहुंचे। ग्रामीणों ने पारंपरिक आदिवासी रीति-रिवाज, गाजे-बाजे और नृत्य के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
कार्यक्रम में उपस्थित आदिवासी समुदाय को संबोधित करते हुए विधायक दशरथ गागराई ने सभी को आदिवासी नव वर्ष की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के इस दौर में अपनी परंपरा, संस्कृति, भाषा, रीति-रिवाज और त्योहारों को सुरक्षित रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
🌿 “संस्कृति को जीवित रखना हमारा दायित्व” — विधायक दशरथ गागराई
विधायक ने कहा कि “21 नवंबर से आदिवासी समुदाय का नया वर्ष प्रारंभ होता है। यह सिर्फ पर्व ही नहीं, बल्कि प्रकृति से संवाद का माध्यम है। आदिवासी समाज जल, थल और आकाश से गहरे रूप से जुड़ा है। इसी जुड़ाव से उसकी पहचान और संस्कृति की विशिष्टता बनी हुई है।”
उन्होंने आगे कहा कि आदिवासी समाज की कला, संगीत, साहित्य, जीवनशैली और प्रकृति-संबंधी परंपराएँ एक अनमोल धरोहर हैं, जिन्हें संरक्षित रखना पूरे समाज का दायित्व है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि यह सांस्कृतिक धरोहर आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रूप से पहुँचे।
🌾 परंपरा और उत्सव का संगम
कार्यक्रम के दौरान सामुदायिक नृत्य, गीत और पारंपरिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया। लोगों ने प्रकृति, फसल और समृद्धि के प्रति आस्था प्रकट की।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से विधायक दशरथ गागराई, समाजसेवी बासंती गागराई, जीप सदस्य जमुना तियु, विधायक प्रतिनिधि दुर्गा चरण पाडिया, डिंबू तियू सहित कई लोग उपस्थित रहे। जोमषुईम कार्यक्रम पूरे उत्साह, सांस्कृतिक समृद्धि और सामुदायिक एकता के साथ सम्पन्न हुआ।














