सोशल संवाद/जमशेदपुर: महिला विकास समिति,टेल्को कालोनी की पूर्व अध्यक्ष कालिन्दी सिन्हा की स्मृति में उनके परिवार की ओर से सिद्धू कान्हू शिक्षा निकेतन स्कूल, डिमना रोड, जमशेदपुर की छात्राओं के लिए पांच छात्रवृत्तियां शुरू करने का फैसला किया है। कालिन्दी सिन्हा के परिजन उमा रमण सिन्हा, संजय – संध्या; सुजाता- मुकेश; विजय – रंजना; विनीता – रितेश की ओर से यह छात्रवृति प्रदान की गई है।
कालिन्दी सिन्हा छात्रवृत्ति पांच लड़कियों को कक्षा आठ की अंतिम परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर और उनकी वित्तीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए दी जाएगी। इसके तहत एक बिल्ला / पदक और 10,000/- रुपए की राशि प्रति छात्र प्रति वर्ष, दो वर्षों के लिए दी जाएगी। पहली किस्त 18 जून को और दूसरी 19 फरवरी को लाभार्थी के खाते में स्थानांतरित की जाएगी।
कौन थी कालिन्दी सिन्हा
कालिन्दी सिन्हा, 1961 में उमारमण सिन्हा के साथ विवाह के बाद जमशेदपुर आईं और अब टाटा मोटर्स के नाम से मशहूर तबकी टेल्को की टेल्को कॉलोनी में रहती थीं। उनके चार बच्चे हैं और सबके जीवनसाथियों को मिलाकर आठ में सात की स्कूली पढ़ाई जमशेदपुर के विभिन्न स्कूलों में हुई है। एक बेटा छठी कक्षा के बाद सैनिक स्कूल चला गया था जो बाद में भारतीय राजस्व सेवा के लिए चुना गया। बड़ा बेटा दिल्ली के पास गाजियाबाद में रहता है और छोटा दिल्ली में। बड़ी बेटी ग्वालियर में है जबकि छोटी सिंगापुर में। 2001 में पति के रिटायर होने के बाद वे दोनों बेटों के पास दिल्ली आ गई थीं। 2019 में मुंबई में उनका निधन हुआ तब छोटे बेटे पोस्टिंग वहीं थी। जमशेदपुर में रहते हुए कालिन्दी सिन्हा सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहती थीं और कई वर्षों तक महिला विकास समिति की अध्यक्ष भी रहीं।
कालिन्दी सिन्हा आज 79 साल की हो गई होतीं और उनका परिवार उनके साथ जन्मदिन मना रहा होता। लेकिन, वे 31 जुलाई 2019 को ही इस दुनिया को छोड़कर चली गईं। उनकी मधुर याद में, उनके परिवार ने इस वर्ष से उनका जन्मदिन उन उद्देश्यों के साथ मनाने का फैसला किया है, जो उन्हें प्रिय थे।
छात्रवृत्ति में छात्रों को कालिन्दी स्कॉलर घोषित करने वाला एक प्रमाण पत्र शामिल होगा। इसके साथ एक बिल्ला / पदक और 10,000/- रुपए की राशि प्रति छात्र प्रति वर्ष, दो वर्षों के लिए दी जाएगी। पहली किस्त 18 जून को और दूसरी 19 फरवरी को लाभार्थी के खाते में स्थानांतरित की जाएगी।
कालिन्दी सिन्हा के बच्चे और परिवार भावी कालिन्दी स्कॉलर के सपनों के जरिए उनके सपनों को पूरा करने का मौका पाकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।