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सरायकेला : कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए वृद्धि की निगरानी सप्ताह का आयोजन आज से : जिला समाज कल्याण पदाधिकारी….

By Goutam

Published on:

 

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सरायकेला : जिले से कुपोषण को दूर करने तथा कुपोषित बच्चो के पहचान को लेकर 15 दिसंबर 2023 से आईसीडीएस द्वारा वृद्धि निगरानी सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है. कार्यक्रम के तहत विभिन्न कार्यक्रम संचालित किया जायेगा. जिसके तहत जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर वीएचएसएनडी के पूर्व 0-5 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाए, धात्री माताए तथा 14 से 18 वर्ष की बालिकाओं की वृद्धि की निगरानी की जानी है. कुपोषण की समय पर पहचान के लिए नियमित रूप से वृद्धि की निगरानी जरूरी है. ताकि कुपोषित बच्चों में कुपोषण को समय से दूर करने की योजना से लाभान्वित करते हुए जरूरी सलाह दी जा सके. सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर वजन सप्ताह का आयोजन कर सभी बच्चों की वृद्धि माप की जाएगी. वीएचएसएनडी के दिन चिन्हित गंभीर कुपोषित बच्चों का एएनएम द्वारा स्वास्थ्य जांच की जाएगी. अति गंभीर कुपोषित बच्चों, जिन्हें पोषण के साथ चिकित्सा की भी आवश्यकता है उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) रेफ़र किया जाएगा अन्य कुपोषित बच्चों के माता-पिता एवं देखभालकर्ता को आहार विविधता, उच्च ऊर्जा युक्त भोजन, व्यतिगत स्वच्छता पर परामर्श एवं स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित सेवाओं से जोड़ा जाएगा.

 

इस सम्बन्ध में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती सत्य ठाकुर ने बताया कि विभागीय निर्देश के तहत जिले के परियोजना अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों को वृद्धि निगरानी के संबंध में जानकारी दी जा चुकी है. ताकि, वृद्धि निगरानी के सभी आंकड़ों की इंट्री पोषण ट्रैकर एप में दर्ज की जा सके. इसके लिए प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह को वृद्धि निगरानी सप्ताह के रूप में आयोजित करते हुए मापित आंकड़ों का पोषण ट्रैकर में इंट्री कराना सुनिश्चित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बाल अवस्था में विकास की तीव्र गति को देखते हुए समय-समय पर वृद्धि और विकास की गति और दर की पहचान किया जाना जरूरी है. नियमित निगरानी से शारीरिक माप में आये अंतर की पहचान होती हैं और माता-पिता को सही समय पर उचित परामर्श दिया जा सकता है. वृपहचान किये गये कुपोषित बच्चों को समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं, अतिरिक्त पोषण और परामर्श द्वारा उनकी जान बचाई जा सकती और उनके पोषण स्तर को सुधारा जा सकता है. साथ ही चिन्हित कुपोषित बच्चों को एम टी सी में एडमिट कर आवश्यक स्वस्थ लाभ दिया जा सकेगा.

 

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