खरसावां / Umakant Kar : खरसावां थाना क्षेत्र के हाड़ीसाई, शिमला, गुरूडीह, महालीसाई, असुरा, गोजुडीह, पोटका, देवली आदि गांवो की सैकड़ों महिलाओं ने हरिसाई में संचलित हो रहे सरकारी शराब के ठेके को बंद करने की मांग को लेकर बुरुडीह रेलवे ओवरब्रिज को करीब 10.15 घंटे जामकर दिया, जिससे खरसावां का जिला मुख्यालय से संपर्क बाधित हो गया.
इस दौरान वाहनों की लंबी कतार सड़क के दोनों और लग गई. इधर सूचना मिलते ही एसडीपीओ समीर कुमार सवैया, सर्किल इंस्पेक्टर नितिन कुमार सिंह, खरसावां थाना के एएसआई प्रकाश कुमार, बीडीओ प्रधान माझी, सीओ कप्तान सिंकू मौके पर पहुंचे और सड़क जाम कर रही महिलाओं को समझा बुझा कर 12.20 में सड़क जाम हटाया. इस दौरान करीब दो घने तक सड़क जाम रहा. अधिकारियों ने ग्रामीणों को हरीसाई में संचालित शराब के दुकान को इसी सप्ताह में ही किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने का आश्वासन दिया. मालूम हो कि महिलाओं ने सुरक्षा का हवाला देकर कई बार जिला प्रशासन से हरीसाई में संचालित हो रहे सरकारी शराब दुकान को बंद करने का आवेदन दिया, गांव के पास से शराब की दुकान को हटाने की मांग पर प्रशासनिक पदाधिकारियों से लेकर जन प्रतिनिधियों को कई बार ज्ञापन दिया गया. परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई. अन्त में बाध्य हो कर सड़क जाम किये.
वहीं, महिलाओं ने बताया कि शराब के चलते आए दिन मनचले आती- जाती महिलाओं एवं युवातियों के साथ छेड़खानी करते हैं. साथ ही अपराधिक घटनाओं को भी अंजाम दे रहे हैं.ग्रामीणों ने बताया कि शराब दुकान के कारण गांव का माहौल खराब हो रहा है. लोग खुले आम सड़क कीनारे खराब पी रहे है. छेड-छाड़ की घटनायें बढ़ रही है. शराब पी रहे लोग तालाबों में नहाने जाने वाली महिलाओं को गंदी नजर से देखते है. इससे गांव की महिलायें भी स्वयं को असुरक्षित महसुस कर रही है. इसे किसी भी परिस्थिति में बरदास्त नहीं किया जायेगा. ग्रामीणों ने कहा कि हरिसाही गांव में स्कूल या आंगनवाड़ी नहीं है. स्कूल या आंगनवाड़ी के जगह शराब की दुकान खोला जा रहा है. इसके जरिये आखिर क्या संदेश दिया जा रहा है. ग्रामीणों ने हर हाल में गांव से विदेशी शराब की दुकान को हटाने की मांग की. इसमें कई महिला समितियां भी शामिल थी.इस दौरान ग्राम प्रधान शिव शंकर हेंब्रम,राजेंद्र राय,निलकंठ नायक, प्रवीर सिंहदेव, मनोज सोय, तुराम बोईपाई, पार्वती हेंब्रम, ममता हेंब्रम, सुकुरमनी हेंब्रम, नागेन सोय, भवानी महतो, सुलो नायक,मेचो बानरा, सुजाता हेंब्रम समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.