जनसंवाद, खरसावां (उमाकांत कर): खरसावां रजवाड़ी परिसर में रविवार को उत्कल सम्मिलनी के द्वारा उत्कल गौरव मधुसूदन दास की 176 वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर उड़िया समाज के लोगों ने उत्कल गौरव मधुसूदन दास की तस्वीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
मौके पर उत्कल सम्मिलनी सरायकेला खरसावां के जिला उपदेष्टा कामाख्या प्रसाद षाड़ंगी ने कहा कि मधुसूदन दास के प्रयास से 1903 में उत्कल सम्मिलनी का गठन हुआ था। इसके बाद 1 अप्रैल 1936 को स्वतंत्र ओडिशा प्रदेश के गठन में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ओड़िया समुदाय के सभी लोगों ने उत्कल गौरव मधुसूदन दास के बताए मार्ग पर चलकर भाषा,साहित्य व संस्कृति के उत्थान के लिए कार्य करने का संकल्प लिया।
वहीं इस उत्कल सम्मिलनी जिला परिदर्शक सुशील षड़ंगी ने बताया कि उत्कल सम्मिलनी ओडिशा सरकार के एक मान्यता प्राप्त संस्था है। इसके द्वारा झारखंड छत्तीसगढ़ आंध्र एवं बंगाल में ओडिशा सरकार के शिक्षा विभाग के और विभिन्न विद्यालय में ओड़िया शिक्षक नियुक्ति करके उत्कल सम्मिलनी के और से ओड़िया भाषा के छात्र-छात्राओं को ओड़िया भाषा की शिक्षा दिया जा रहा है। जो की ओड़िया भाषा के लिए काफी महत्वपूर्ण है। साथ ही ओडिशा सरकार के शिक्षा विभाग एवं उत्कल सम्मिलनी के द्वारा कक्षा एक से आठ तक बच्चों को निशुल्क साहित्य किताब वितरण किया जाता है। ताकि निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर बच्चों आगे बढ़ सकें।
इस दौरान मुख्य रूप से हरिश्चंद्र आचार्य सुमन महांती, सुशील षाड़ंगी, अजय प्रधान, बिरोजा पति, सपन मंडल, लखीद्रं नायक, रंजीत मंडल, सुशांत प्रधान, भरत चंद्र मिश्रा, चंद्रभानु प्रधान, रश्मि रंजन मिश्रा आदि उपस्थित थे।