होम 

राज्य

नौकरी

राजनीति

देश दुनिया

योजना

खेल समाचार

टेक

जमशेदपुर

धर्म-समाज  

वेब स्टोरी 

---Advertisement---

11
12
13
previous arrow
next arrow

 

टाटानगर स्टेशन पर प्रथम श्रेणी प्रतिक्षालय में यात्रियों से शुल्क लेने का सिंहभूम चैम्बर ने किया विरोध, मुकेश मित्तल ने लिखा रेलवे GM को पत्र

By Goutam

Published on:

 

---Advertisement---

sachdeva
sachdeva
previous arrow
next arrow

सोशल संवाद/जमशेदपुर: टाटानगर रेलवे स्टेशन में एसी प्रथम श्रेणी प्रतिक्षालय में यात्रियों से निजी एजेंसी के द्वारा 15 रूपये प्रति घंटे के हिसाब से शुल्क की वसूली की जा रही है। इसके विरोध में सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष, जनसंपर्क एवं कल्याण मुकेश मित्तल ने महाप्रबंधक, दक्षिण- पूर्व रेलवे को पत्र लिखकर उनका ध्यानाकृष्ट किया गया।

उन्होंने बताया कि पूर्व में प्रथम श्रेणी एसी प्रतिक्षालय में यात्रियों के लिये निःशुल्क व्यवस्था की गई थी और जो यात्री शुल्क देकर विशेष रूप से बनाये गये एसी प्रतिक्षालय में ठहरना चाहते हैं, उसके लिये स्पेशल एसी लाँज की व्यवस्था 50 रूपये प्रति घंटा की दर से पहले से ही स्टेशन में उपलब्ध कराई गई है। लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत निःशुल्क प्रदान की जा रही एसी प्रतिक्षालय को भी निजी एजेंसी के हाथों में सौंपकर शुल्क की वसूली की जा रही है।

श्री मित्तल ने कहा कि यात्री ट्रैन पकड़ने के लिये ट्रैन की समयसारिणी के अनुसार ही स्टेशन पहुंचते हैं, लेकिन ट्रैन के देर से स्टेशन पहुंचने के कारण प्रथम श्रेणी के यात्रियों को ट्रैन पकड़ने के लिये एसी प्रतिक्षालय में रूक कर इंतजार करना पड़ता है। अगर वे प्लेटफॉर्म पर इंतजार करेंगे तो प्लेटफॉर्म में लगी ट्रैन को पकड़ने में दूसरे यात्रियों को कठिनाईयाँ होगी और बेवजह प्लेटफार्म पर भीड़.भाड़ की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी।

चूंकि ट्रैन अगर देर से स्टेशन पहुंचती है तो यह रेलवे की परिचालन व्यवस्था के कारण होती है। इसलिये यह रेलवे की जिम्मेदारी बनती है कि यात्रियों को मुफ्त सुविधायुक्त एसी प्रतिक्षालय की व्यवस्था करायें। लेकिन ऐसे यात्री जिनमें बुुजुर्ग, बच्चे, मरीज भी होते हैं, जिन्हें सुविधायुक्त प्रतिक्षालय की आवश्यकता होती है को भी अपनी जेब से अतिरिक्त खर्च वहन कर एसी प्रतिक्षालय में ठहरना पड़ रहा है।

इसलिये जनहित में इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसी प्रथम श्रेणी प्रतिक्षालय में पूर्व की भांति निःशुल्क व्यवस्था रेलवे की ओर से कराई जानी चाहिए।

 

---Advertisement---