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टाटा स्टील को लगातार छठी बार मिला ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क’ प्रमाणन, जानिए क्यों

By Goutam

Published on:

 

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सोशल संवाद/मुंबई: टाटा स्टील को वर्ष 2023 के लिए ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टीट्यूट द्वारा ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क’ के रूप में प्रमाणित किया गया है। यह लगातार छठा वर्ष है जब कंपनी को एक समावेशी और सस्टेनेबेल संगठन के निर्माण के प्रयासों के लिए यह सम्मान मिला है।

टाटा स्टील ने अपनी स्थापना के समय से ही कर्मचारियों के कल्याण और हित में कई अग्रणी नीतियां और अभ्यासों को शुरू किया हैं। द ग्रेट प्लेस टू वर्क मूल्यांकन में टाटा स्टील को 5 आयामों यथा उच्च-विश्वास, उच्च-प्रदर्शन संस्कृति – विश्वसनीयता, सम्मान, निष्पक्षता, गर्व एवं सौहार्द पर उत्कृष्ट पाया गया है।

इस अवसर पर आत्रेई सान्याल, वाइस प्रेसिडेंट, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, टाटा स्टील ने कहा, “हम लगातार 6ठे साल ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क’ सर्टिफिकेशन पाकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। इतने वर्षों में, हमने अपने कर्मचारियों, प्रक्रियाओं और सहायक पारिस्थितिकी तंत्र में निवेश किया है, तथा सभी के लिए ‘सम्मानजनक कार्यस्थल’ का मार्ग प्रशस्त करते हुए भरोसे एवं आपसी सम्मान पर आधारित देखभाल और सहयोगात्मक संबंध बनाने का प्रयास किया है। टाटा स्टील वर्ष 2025 तक 25% विविध कार्यबल के लक्ष्य को प्राप्त करने की आकांक्षा रखती है, जिससे एक विविध और समावेशी कार्य वातावरण बनाने तथा बनाए रखने के सिद्धांत का सृजन होता है जो प्रत्येक व्यक्ति को कार्यस्थल पर अपने आपको सबसे प्रामाणिक के रूप में प्रोत्साहित करता है।”

यह प्रतिष्ठित सम्मान एक वैश्विक नियोक्ता के रूप में टाटा स्टील के प्रयासों को अपनी स्थिति को बनाए रखने का सम्मान प्रदान करता है जो विविध कौशल सेट, निरंतर नवाचार, सस्टेनेबल विकास और जीवन की बेहतर गुणवत्ता को विकसित और आत्मसात कर रहा है। ग्रेट प्लेस टू वर्क अपने अग्रणी मानव संसाधन कार्यक्रमों खासकर सकारात्मक कार्रवाई, जनजातीय समुदायों के कल्याण, एलजीबीटीक्यूआईए+ समुदाय आदि की जरूरतों के लिए संवेदन होने के साथ लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए कंपनी के लगातार प्रयासों को स्वीकारोक्ति देता है।

टाटा स्टील ने पीपल-फर्स्ट एप्रोच के अपने अनवरत प्रयास में कार्यालयों और परिचालन स्थानों में अपने कर्मचारियों के लिए कर्मचारी अनुभव और कार्य-जीवन संतुलन में सुधार लाने के लिए लक्षित एजाइल वर्किंग मॉडल और अन्य नीतियां पेश कीं।

इन नीतियों में,  अध्ययन प्रोत्साहन अवकाश, क्रेच पॉलिसी, विस्तारित मातृत्व अवकाश एवं सरोगेसी अवकाश, चाइल्ड केयर लीव, समान अवसर एवं भेदभाव-विरोधी नीति, नवजात के माता-पिता की छुट्टी (पुरुष कर्मचारी, ट्रांसजेंडर, या समलैंगिक के मामले में कोई भी समलैंगिक जोड़े ), गोद लेने की छुट्टी (महिला कर्मचारियों, ट्रांसजेंडर या समलैंगिक के मामले में कोई भी), नर्सिंग ब्रेक, राहत-मासिक धर्म की छुट्टी, टेक टू पॉलिसी – प्रासंगिक योग्यता और अनुभव वाली महिला प्रोफेशनल को कैरियर ब्रेक पर या समावेशी, विश्वास और परिणाम आधारित प्रदर्शन की संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अल्पकालिक असाइनमेंट/परियोजनाएं, परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाएं आदि की अवधारणा और कार्यान्वयन किया जाता है।

टाटा स्टील अपने विविध कार्यबल की जरूरतों का ख्याल रखते हुए, स्टील उद्योग में पसंदीदा नियोक्ता बनने की इच्छा रखती है। प्रत्येक वर्ष 60 से अधिक देशों की 10,000 से अधिक कंपनियां ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टीट्यूट (Great Place to Work® Institute) के साथ सहयोग करती हैं ताकि उनकी कार्यस्थल संस्कृतियों में सुधार के लिए समीक्षा, मापदंडों और पहल को विकसित किया जा सके।

ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टीट्यूट (Great Place to Work® Institute) द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीक को कार्य संस्कृतियों के मूल्यांकन के लिए एक संपूर्ण और निष्पक्ष पद्धति के रूप में स्वीकार किया जाता है। इसे उत्कृष्ट कार्यस्थल संस्कृतियों की पहचान करने और उन्हें सम्मानित करने के लिए इसे स्वर्ण मानक के रूप में माना जाता है।

 

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