सोशल संवाद/जमशेदपुर: डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एससी एसटी ओबीसी माइनॉरिटी वेलफेयर समिति के बतौर प्रेस प्रवक्ता शंभू मुखी डूंगरी ने बताया कि विगत दिनों बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर साहब की आदम कद प्रतिमा के साकची पुराना कोर्ट स्थित किताब दुकान के सामने मंत्री बन्ना गुप्ता के द्वारा स्थापित एवं उद्घाटित किया गया है, उसे टाटा स्टील प्रबंधन द्वारा नगर के सौंदर्यीकरण में बाधा की बात करते हुए प्रशासन से प्रतिमा को हटाने की अनुरोध किया है जो की बहुत ही निंदनीय एवं दुखद है।
टाटा घराना सामाजिक समरसता की नीति पर चलने वाली सम्मानित व्यवसायिक घराना है। जिसका देश में ही नहीं विदेशों में भी उसकी नीतियों का सम्मान किया जाता है, परंतु तथाकथित कुछ अधिकारियों को यह नागवार गुजर रहा है। उनकी सोच और मानसिकता एससी एसटी ओबीसी माइनॉरिटी के विरुद्ध दिखाई दे रहा है। उनकी मानसिकता कुछ और ही बता रही है। जबकि पुराना कोर्ट के महज कुछ ही दूरी पर स्थित और भी मूर्तियों की स्थापना की गई है। उसके प्रति इन अधिकारियों का रवैया लचीला है, जो सरासर दोषपूर्ण एवं इनके दोहरी नीति को दर्शाता है। इस दोषपूर्ण नीति का डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एससी एसटी ओबीसी माइनॉरिटी वेलफेयर समिति पुरजोर विरोध करता है।
हमारी समिति का टाटा प्रबंधन एवं जिला प्रशासन से मांग है बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के प्रति सोच में परिवर्तन लाएं। साथ ही यह भी मांग करते हैं कि बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति का जहां उद्घाटन हुआ है उसे उसी स्वरूप में रहने दिया जाए। उसके साथ कोई छेड़छाड़ ना हो। बाबा साहब अंबेडकर एससी एसटी ओबीसी माइनॉरिटी के ही नहीं देश के सर्वमान्य नेता रहे हैं। जिन्होंने देश को नई दिशा प्रदान की है। हम सब देशवासियों का कर्तव्य है उनके मान-सम्मान की रक्षा करें। उनके द्वारा रचित संविधान भारत की अटूट एकता, भाईचारा एवं समदर्शिता का परिचायक है।
ऐसे महान विभूति की प्रतिमा की स्थापना में खुद टाटा स्टील जैसी सम्मानित कंपनी के अधिकारियों को बढ़-चढ़कर भाग लेते हुए प्रतिमा स्थापित करने में सहयोग करना चाहिए। हमें उम्मीद ही नहीं पूर्ण विश्वास है टाटा प्रबंधन एवं जिला प्रशासन इस विषय पर सकारात्मक सोच को मजबूती प्रदान करते हुए स्थिति को यथावत रखने में सहयोग करेगी।