जनसंवाद डेस्क: बरसात के मौसम में हर बार आकाशीय बिजली (वज्रपात) गिरती है। यह स्वाभाविक मौसम चक्र है। आकाशीय बिजली (वज्रपात) गिरने के पीछे मुख्य वजह यह है कि जब नम और शुष्क हवा संग बादल टकराते हैं तो बिजली चमकती है और गिरने का खतरा होता है। बादलों के बीच या बादल और जमीन के बीच अलग-अलग चार्ज मौजूद होते हैं, जिन्हें पॉजीटिव और नेगेटिव चार्ज कहा जाता है। जब यह पॉजीटिव और नेगेटिव चार्ज असंतुलित होने लगते हैं, तो इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज से एक बड़ा स्पार्क होता है, जिसे बिजली कड़कना कहते हैं। हम थोड़ी सावधानी से वज्रपात के खतरे को टाल सकते हैं, और जान-माल के नुकसान से बचा जा सकता है। ऐसे करें आकाशीय बिजली से बचाव:-
जब आप घर के भीतर हों
- बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहें, तार वाले टेलीफोन का उपयोग न करें।
- ऐसी वस्तुएं जो बिजली के सुचालक हैं, उनसे दूर रहे, धातु से बने पाइप, नल, फव्वारा, वॉशबेसिन आदि से दूर रहें।
- कपड़े सुखाने के लिए तार का प्रयोग न कर जूट या सुत की रस्सी का प्रयोग करें।
जब आप खेल, खलिहान में काम कर रहे हैं:
- गीले खेतों में हल चलाते, रोपनी या अन्य कार्य कर रहे किसान तथा मजदूर या तालाब में कोई कार्य कर रहे व्यक्ति तुरंत सूखे या सुरक्षित स्थान पर जायें।
- धातु से बने कृषि यंत्र या डंडा से अपने आप को दूर कर लें।
जब आप जंगल में हों
- छोटे या घने पेड़ों की शरण में चले जायें।
जब आप घर के बाहर हों
- ऊंचे वृक्ष बिजली को आकर्षित करते हैं, कृप्या उनके नीचे न खड़े रहें। समूह में न रहें बल्कि अलग-अलग हो जायें ।
- किसी पक्के मकान में आश्रय लेना बेहतर है। सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहें। खुली छत वाले वाहन की सवारी न करें।
- बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग न करें। बाईक, बिजली या टेलीफोन का खंभा, तार की बाड़, मशीन आदि से दूर रहें।
- तालाब और जलाशयों से दूर रहें। यदि आप पानी के भीतर हैं अथवा किसी नाव में हैं तो तुरंत बाहर आ जाएं।
अगर किसी सुरक्षित स्थान पर शरण ले पाने में असमर्थ हों
- जहां हैं वहीं रहें हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें।
- जमीन पर बिल्कुल नहीं लेटें।
- दोनों पैरों को आपस में सटा लें एवं दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर अपने सिर को जमीन की तरफ यथोसंभव झुका लें तथा सिर को जमीन से न छूने दें।
वज्रपात का झटका लगने पर ये करें
वज्रपात के झटका लगने पर जरूरत के अनुसार व्यक्ति को CPR यानी कृत्रिम श्वास देनी चाहिए। तत्काल प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने की व्यवस्था करें।
नोट:– वज्रपात से प्रभावित व्यक्ति की सूचना अपने अंचलाधिकारी / जिले के जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी अथवा उपायुक्त को तत्काल दें।