जनसंवाद, खरसावां (उमाकांत कर): कुचाई प्रखंड के नवनियुक्त 12 सहायक आचार्यों ने खुंटी लोकसभा क्षेत्र के सांसद कालीचरण मुंडा के नाम एक ज्ञापन सांसद प्रतिनिधि मानसिंह मुंडा को सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से नवनियुक्त शिक्षकों ने अपनी पदस्थापना को लेकर गंभीर आपत्ति जताई और न्यायोचित समाधान की मांग की।
ज्ञापन में बताया गया कि कुचाई प्रखंड के नव चयनित 12 शिक्षक-शिक्षिकाएं क्षेत्रीय भाषा मुंडारी एवं हो विषय से JTET एवं सहायक आचार्य परीक्षा उत्तीर्ण हैं। इसके बावजूद अन्य जिलों की तरह उन्हें SOP के तहत विद्यालय चयन का अवसर नहीं दिया गया। आरोप लगाया गया कि मनमाने तरीके से उन्हें अपने मूल प्रखंड से 60 से 100 किलोमीटर दूर नीमडीह, चांडिल, कुकरू, इचागढ़, राजनगर एवं गम्हरिया जैसे बांग्ला भाषी क्षेत्रों में पदस्थापित कर दिया गया है।
नवनियुक्त शिक्षकों ने कहा कि यह निर्णय नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के स्पष्ट प्रावधानों के विपरीत है, जिसमें त्रिभाषा सूत्र एवं मातृभाषा के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की बात कही गई है। मातृभाषा आधारित शिक्षा को नजरअंदाज करना न केवल नीति के विरुद्ध है, बल्कि इससे बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।
ज्ञापन सौंपने आए शिक्षकों ने सांसद कालीचरण मुंडा से आग्रह किया कि वे इस मामले में हस्तक्षेप कर क्षेत्रीय भाषा जानने वाले शिक्षकों की पदस्थापना उनके मूल क्षेत्र अथवा समीपवर्ती विद्यालयों में सुनिश्चित कराने की पहल करें।
ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से किरण करुणा टोप्पो, अगनू राम महतो, गोविन्द हेमब्रम, बासुदेव सिंह मुंडा, रामकृष्णा डांगिल, जगाय मुंडा, बैजनती हेमब्रम सहित अन्य नवनियुक्त सहायक आचार्य शामिल थे।














