सरायकेला : टाटा द्वारा विस्थापितों के साथ अत्याचार होने को लेकर झामुमो ने टाटा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. रविवार को झामुमो नेता और प्रखंड 20 सूत्री अध्यक्ष छाया कांत गोराई ने प्रेस कांफ्रेंस कर टाटा के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने क्षेत्र की बर्बादी के लिए टाटा समूह की औद्योगिक इकाइयों को जवाबदेह ठहराते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं.
साथ ही 10 सूत्री मांगपत्र सौंपते हुए टाटा प्रबंधन को पांच जनवरी 2024 से पहले समाधान का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि पांच जनवरी 2024 से पहले टाटा समूह उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है तो, पांच जनवरी को क्षेत्र में संचालित टाटा की सभी इकाइयों के समक्ष 25000 से भी अधिक आदिवासी- मूलवासियों के साथ प्रदर्शन किया जाएगा.
बता दे गोराई ने कहा कि झारखंड सरकार ने राज्य के आदिवासी- मूलवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए यहां के उद्योगों में 75 फीसदी स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का कानून लाया है, जिसे टाटा प्रबंधन नजरअंदाज कर रही है. क्षेत्र में संचालित टाटा की इकाइयों टीजीएस और टाटा लॉग प्रोडक्ट ने साजिश के तहत यहां के भोले- भाले ग्रामीणों को बहला- फुसलाकर उनके जमीन का अधिग्रहण कर लिया है, और नौकरी में प्राथमिकता बाहरी लोगों को दिया जा रहा है. इतना ही नहीं उक्त कंपनियों के प्रदूषण से पूरा क्षेत्र प्रदूषण से भर गया है.
वहीं, उन्होंने बताया किसानों की जमीन बंजर हो चुकी है. जलाशय का पानी जहरीला हो गया है. चर्म रोग सहित कई घातक बीमारियों से ग्रषित यहां के भोले- भाले आदिवासी मूलवासी हो रहे हैं. इतना ही नहीं टाटा समूह ने क्षेत्र में रूलर डेवलपमेंट के तहत गतिविधियों को भी समाप्त कर दिया है. उन्होंने ऐलान किया है कि कल यानि सोमवार से ही टाटा के खिलाफ मोर्चाबंदी शुरू कर दी जाएगी. इसके तहत क्षेत्र में बैनर- पोस्टर के जरिए टाटा के वादा खिलाफी का प्रसार प्रचार किया जाएगा. यहां के आदिवासी- मूलवासी युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं, और टाटा समूह अपने प्रतिष्ठानों में बाहरी लोगों को रोजगार देकर यहां की जनता को बेवकूफ बना रही है, ऐसा किसी कीमत पर होने नहीं दिया जाएगा.