जनसंवाद, जमशेदपुर: श्री श्री शीतला माता मंदिर टुईलाडुंगरी में चैत्र नवरात्रि ज्वारां महोत्सव की प्रारंभिक विधि बिरीह भिगोना आज मंदिर परिसर में माता शीतला के पूजा के साथ संपन्न हुई।
छत्तीसगढ़ी परंपरा के अनुरूप बिरीह भिगोना ज्योत प्रज्वलन के एक दिन पूर्व सात प्रकार के अनाज गैंहु, जौ, उड़द, चना, मटर, मूंग, मसूर का मिश्रण कर समाज के प्रमुख लोगो के द्वारा अपने हाथो से पांच पांच मुट्ठी एक मिट्टी के बड़े पात्र में पानी के साथ डाल कर भिगाया जाता है और कल प्रातः खाद और मिट्टी के साथ उसका रोपण किया जाएगा, और संध्या बेला में 21 अखंड ज्योत का प्रज्वलन किया जाएगा।
मानना है की भगवान ब्रह्मा और शिव के द्वारा इस विधि विधान की शुरुवात की गई थी। मानना है की अनाज के मिश्रण से जो ज्वारा उत्पन्न होता है उसके रंगो से प्रगति का अनुमान लगाया जाता है। अगर ज्वारा सफेद और हरे रंग का होता है तो यह माना जाता है की क्षेत्र और समाज की प्रगति और उन्नति निरंतर बनी रहेगी, और अगर आधा हरा और आधा पीला ज्वारा होता है तो वर्ष का आधा वर्ष अमन चैन के साथ और आधा वर्ष कष्ट से बीतते है। बिरिह भिगोना के बाद मंदिर समिति के स्थानीय जश गायन मंडली के द्वारा जश गीत और भजन प्रस्तुत किए गए।
आज के बिरिह भिगोना कार्यक्रम में मंदिर समिति के अध्यक्ष दिनेश कुमार, परमानंद कौशल, ऐश राम साहू, गिरधारी साहू, खलेश्वर साहू, चंद्रभूषण, त्रिवेणी कुमार, महावीर प्रसाद, मोतीलाल साहू, चंद्रिका निषाद, तुलसी राम निषाद, बिरेंद्र साहू, रामेश्वर साहू, वीर सिंह ठाकुर, इंद्रा साहू, फूलो देवी, दयालु निषाद, नूतन साहू, मंजू ठाकुर, सोनू साहू, दीपक साहू, गंगाराम साहू, बिहारी लाल, डॉक्टर शंकर लाल, नरेश निषाद, महावीर निर्मलकर, चंदन निषाद, बिरजू साहू, ओम निषाद, बबली साहू, पार्वती साहू आदि उपस्थित थे।