जनसंवाद, जमशेदपुर: जमशेदपुर ज़िला प्रशासन स्थिति स्पष्ट करें कि वह शंख मैदान और समीपवर्ती क़रीब 6 एकड़ सरकारी ज़मीन को तथाकथित सूर्य मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह और संरक्षक चन्द्रगुप्त सिंह के चंगुल में जाने से रोकना चाहता है या नहीं? यह भूखंड सरकारी है. इसपर बनी संरचनाएँ सरकारी पैसे से बनी हैं। इसके एक ओर सूर्य मंदिर की बाउंड्री है और दूसरी ओर चंद्रगुप्त सिंह के महलनुमा अवैध मकान की बाउंड्री है।
भूपेन्द्र सिंह ने सूर्य मंदिर की सांसद निधि से बनी बाउंड्री को ध्वस्त कर दिया है, चंद्रगुप्त सिंह अपने महल की बाउंड्री तोड़ देने की फ़िराक़ में हैं। ये दोनों बीच के क़रीब 6 एकड सरकारी ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़ा करना चाहते हैं। इस सरकारी ज़मीन पर मेरे विधायक निधि से होने वाले विकास कार्यों से ये दोनों परेशान हैं और धार्मिक रंग देकर एक साल से सरकारी काम में बाधा डाल रहे हैं। विडंबना है कि जिला प्रशासन मौन और मूकदर्शक बनकर इनका और इनके अवैध इरादों का मनोबल बढ़ा रहे हैं।
विगत एक साल से ये झूठ फैला रहे हैं कि मैं सूर्य मंदिर की धार्मिक आस्था पर चोट कर रहा हूँ पर प्रशासन ने कभी भी इस झूठ-फ़रेब का खंडन नहीं किया और असलियत से भी लोगों को अवगत नहीं कराया है। जबकि मेरी विधायक निधि से इस भूखंड पर प्रस्तावित विकास योजनाओं को ज़िला प्रशासन ने स्वीकृत किया है और इसके लिए निधि विमुक्त किया है। प्रशासन को बताना चाहिए कि मेरा विकास कार्य प्रस्ताव क्या है और भूपेन्द्र-चंद्रगुप्त की जोड़ी के द्वार फैलाया जा रहा झूठ-फ़रेब क्या है? प्रशासन अपना दायित्व पूरा नहीं करेगा तो उपद्रवी तत्वों और तिकडमबाजों का हौसला बुलंद होगा।