होम 

राज्य

नौकरी

राजनीति

देश दुनिया

योजना

खेल समाचार

टेक

जमशेदपुर

धर्म-समाज  

वेब स्टोरी 

---Advertisement---

Resized Sharma Furniture Banner 1-01-01
Resized Sharma Furniture Banner 2-02
previous arrow
next arrow
IMG-20250815-WA0017
IMG-20250815-WA0018
IMG-20250815-WA0001
IMG-20250815-WA0002
IMG-20250815-WA0003
IMG-20250815-WA0004
IMG-20250815-WA0005
IMG-20250815-WA0006
IMG-20250815-WA0007
3 (1)
4
03 (29)
04
IMG-20250815-WA0183
IMG-20250815-WA0181
previous arrow
next arrow

 

ग्राम सभा मंच कुचाई ने प्रधानमंत्री के नाम बीडीओ को सौंपा ज्ञापन, कहा- ना‌ लोकसभा न विधानसभा सबसे उंचा ग्राम सभा”

By Goutam

Published on:

 

कुचाई

---Advertisement---

IMG-20250815-WA0008
IMG-20250815-WA0009
IMG-20250815-WA0010
IMG-20250815-WA0011
IMG-20250815-WA0012
IMG-20250815-WA0013
IMG-20250815-WA0014
IMG-20250815-WA0015
IMG-20250815-WA0016
02 (50)
IMG-20250815-WA0185
previous arrow
next arrow

जनसंवाद डेस्क/खरसावां (रिपोर्ट- उमाकांत कर): छत्तीसगढ़ राज्य के अंतर्गत सरगुजा जिला के हसदेव अरण्य काटाई की रोक-थाम को लेकर शनिवार को ग्राम सभा मंच कुचाई के द्वारा प्रधानमंत्री के नाम कुचाई बीडीओ को एक ज्ञापन सौंपा है।

ज्ञापन के माध्यम से कहा कि मुण्डा- मानकी तथा आमजन‌‌‌ आशा कर रहे थे कि मोदी सरकार छत्तीसगढ़ राज्य में अच्छा काम करेगी, लेकिन भाजपा सरकार आने के तुरंत बाद हसदेव अरण्य की काटाई कफी तेज हो गई है। जंगल काटाई से धरती माता नष्ट हो जाएगी तथा जलवायु संतुलन पर असहनीय परिवर्तन होगी जो सम्पूर्ण विश्व पर दुष्प्रभाव पड़ेगा। एक तरफ पूरा विश्व प्रयास कर रहा है कि जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण लाया जाए लेकिन यहाँ तो केन्द्र सरकार द्वारा बड़े- बड़े बहुराष्ट्रीय उद्योगपतियों को जंगल उजाड़ने के लिए लाया जा रहा है। नीजी लाभ के लिए धरती माता के सजोयश् श्रृंगार रुपी हरे भरे हंसते घने हसदेव अरण्य को वेरहमी से काटने व चीर- फाड़ कर कोयला निकालने के लिए अडानी जैसे निर्दयी उधोगपति को हसदेव अरण्य काटाई करने का अनुमति वन विभाग के मंजूरी के बाद केन्द्र सरकार ने अधिकार दे दिया है। 

प्रधानमंत्री को यह भी जनना चाहिए कि प्राकृतिक‌ जंगल एक वार होता है तथा उन्हें यदि नष्ट कर दिया जाए तो दूवारा तैयार नहीं किया जा सकता है। ‌‌हसदेव अरण्य से आदिवासी तथा गैर आदिवासियों और जैवविविधताओ को भी शुद्ध हवा मिलती है।कई प्रकार के वन्यजीव संरक्षित है,जड़ीबूटियां भी संरक्षित हैं। आदिवासी तथा वनाश्रितों के लिए हसदेव अरण्य वनोपज प्रदान करता है। साथ ही साथ जल- वाय को संतुलन बनाने में सहयोगी है और पर्यावरण को संरक्षण करता है। समय रहते आप निम्नलिखित ध्यानाकृष्ट बिन्दुओं पर गहन विचार- विमर्श के पश्चात आपने मन में महसूस कर हसदेव अरण्य काटाई पर रोक- थाम करने के निश्चित रूप से कदम बढ़ाये :—

(1) हसदेव अरण्य क्षेत्र में विधुत वितरण कम पानी को आवंटित व अडानी कम्पनी द्वारा संचालित परसा ईस्ट केते वासेन 2 कोल परियोजना के लिए एक लाख से अधिक पेड़ों की काटाई करने के लिए अनुमति भारत सरकार द्वारा दी जा चुकी है जिसे अविलंब रद्ध किया जाये।

(2) बहुराष्ट्रीय उद्योगपतियों के मकड़जाल से मुक्ति के लिए तथा धरती माता और मन्दिर रुपी पवित्र हसदेव अरण्य को बचाने के लिए अभिलंब 2011 को‌ की गई एकरारनमा को रद्ध किया जाये।

(3) हसदेव अरण्य क्षेत्र के अन्दर पेड़ों की काटाई करने के लिए अडानी व अन्याय कम्पनियों के साथ‌ की गई एकरारनमाओ को रद्ध कर अपना प्रतिष्ठा के साथ साथ धरती माता को बचाने पर बिचार किया जाये।

(4) बहुराष्ट्रीय उद्योगपतियों के ईशारे पर वन संरक्षण नियम 2022 बनाये जाने के बाद देश के अन्दर प्राकृतिक संसाधनों का बर्बाद होना शुरू हो गया है। इस नियम को लागू न किया जाये को लेकर पूर्व में भी माननीय प्रधानमंत्री को ज्ञापन समर्पित किया जा चुका है लेकिन बहुराष्ट्रीय उद्योगपतियों के दबाव के कारण इसे न हटा कर जबरन लागू किया गया जिसके कारण बिनाश कारण बन गया। प्रधानमंत्री  से आशा पूर्ण निवेदन है कि ईस घृणित कार्य को बिना किसी हिचकिचाए निरस्त कर दिया जाए। 

इस दौरान मुख्य रूप से केंद्रीय सदस्य सोहनलाल कुम्हार, मुखिया करम सिंह मुंडा, ग्राम मुंडा भरत सिंह मुंडा, कैलाश मुंडारी, ‌कुंडिया गागराई, प्रधान सिंह सोय, रासाय सोय, राम कृष्ण मुंडारी आदि उपस्थित थे। ‌‌‌    ‌‌  ‌‌     ‌‌

 

---Advertisement--- 

 

Leave a Comment