सोशल संवाद/जमशेदपुर: शुक्रवार को जुडिशियल सदस्य रोहित कपूर और तकनीकी सदस्य बलराज जोशी की एनसीएलटी बेंच में रिजोल्यूशन प्रोफेशनल और टायो के निलम्बित निदेशकों द्वारा मजदूरों के पीएफ का भुगतान नहीं करने के मामले में मजदूरों द्वारा दायर अवमानना पिटीशन पर सुनवाई हुई।
ज्ञातव्य है कि एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने फरवरी 2021 और एनसीएलएटी ने अप्रैल 2021 में रिजोल्यूशन प्रोफेशनल और टायो के निलम्बित निदेशकों को मजदूरों के पीएफ का अविलंब भुगतान करने को कहा था लेकिन रिजोल्यूशन प्रोफेशनल और टायो के निलम्बित निदेशकों ने मजदूरों के पीएफ का आज तक भुगतान नहीं किया है।
ज्ञातव्य यह भी है कि रिजोल्यूशन प्रोफेशनल अपनी नियुक्ति के तुरंत बाद टाटा स्टील के एजेंट के तौर पर काम करना शुरू किया और रिजोल्यूशन प्रक्रिया का न केवल सत्यानाश कर दिया बल्कि टायो के निलम्बित निदेशकों के साथ मिलकर मजदूरों को धमकाना शुरू किया कि अगर मजदूर अपना पिटीशन वापस ले लें और टाटा स्टील को टायो की 350 एकड़ जमीन पर कब्जा करने दें तो वे मजदूरों के पीएफ का भुगतान करेंगे।
आज की सुनवाई के बाद बेंच ने रिजोल्यूशन प्रोफेशनल को अपना हलफनामा दायर करने को कहा और अगली सुनवाई के लिए 17.02.2023 की तारीख मुकर्रर की। टायो के रिजोल्यूशन के लिए मजदूरों द्वारा दायर मुख्य पिटीशन और अन्य आवेदनों पर आज सुनवाई नहीं हो सकी क्योंकि रिजोल्यूशन प्रोफेशनल ने उन तीन आवेदनों में दो के खिलाफ अपना हलफनामा दायर नहीं किया। बेंच ने हलफनामा दायर का अंतिम अवसर रिजोल्यूशन प्रोफेशनल को दिया।
जमीन के मामले में मजदूरों द्वारा दायर आवेदन के खिलाफ दायर अपने हलफनामे में रिजोल्यूशन प्रोफेशनल ने कहा है कि टायो की 350 एकड़ जमीन में से 300 एकड़ टाटा स्टील की है और सिर्फ 50 एकड़ जमीन टायो की है। इससे स्पष्ट है कि टाटा स्टील अपने कुत्सित इरादे के तहत जब कानूनी तौर पर टायो की 350 एकड़ जमीन पर कब्जा नहीं कर सकी तब उसने पहले रिजोल्यूशन प्रोफेशनल विनीता अग्रवाल को अपने पक्ष में किया और विनीता अग्रवाल को मजदूरों द्वारा हटाने के बाद नये रिजोल्यूशन प्रोफेशनल अनीश अग्रवाल को क्विड प्रो क्वो (Quid Pro Quo) यानी ‘कुछ के लिए कुछ’ (यह एक ऐसी स्थिति की व्याख्या करता है जब दो पक्ष वस्तुओं या सेवाओं के परस्पर आदान प्रदान के लिए एक आपसी समझौता करते हैं) के आधार पर अपने पक्ष में कर लिया और रिजोल्यूशन प्रोफेशनल से यह फर्जी हलफनामा दायर करवाया है।
आज की सुनवाई के दौरान मजदूरों के अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव ने बेंच को बताया कि अब तक 190 कामगारों के आवेदन में से सिर्फ 15 कामगारों का भुगतान किया गया है और बाकी को गैरवाजिब तरीके से टाल-मटोल की रणनीति द्वारा उनके भविष्य निधि राशि के भुगतान को रोक दिया गया है।
ज्ञातव्य है कि रिजोल्यूशन प्रोफेशनल को पीएफ का भुगतान करने के बाद भी टायो के निलम्बित निदेशकों ने अनाधिकार मजदूरों को आवेदन पत्र देने, वेब साइट पर लोगिन करने जैसे फर्जी आदेश दिये जो मजदूर नहीं कर सके। उन आवेदनों में निलम्बित निदेशकों ने कर्मचारियों से आवेदन के अंतिम पारा में हैरान करने वाली उद्घोषणा लिखवायी कि ‘मैं घोषणा करता हूं की मैं 2016 अक्टूबर से बेरोजगार हूँ’।
बहरहाल बेंच ने अपने आदेश की अवहेलना के मामले को गंभीरता से लेते हुए रिजोल्यूशन प्रोफेशनल को दो हफ्ते में जबाब दाखिल करने का आदेश किया। मजदूरों की तरफ से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव और चार्टर्ड अकाउंटेंट रमेश कुशवाहा ने जिरह किया।