जनसंवाद, खरसावां (उमाकांत कर): झामुमो विधायक दशरथ गागराई ने मंगलवार को झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा—
(1) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की महिला संविदा कर्मियों के स्थायीकरण, उनकी कार्यावधि और भविष्य की योजना,
(2) कुचाई प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय मेरोमजंगा में शिक्षकों की कमी और पठन-पाठन पर प्रभाव।
NHM महिला स्वास्थ्यकर्मियों के स्थायीकरण पर सवाल
विधायक गागराई ने पूछा कि:
- वर्तमान में राज्य में कार्यरत NHM महिला कर्मियों की कुल संख्या कितनी है?
- कितने वर्षों से वे कार्यरत हैं?
- क्या राज्य सरकार उन्हें स्थायी करने पर विचार कर रही है?
सरकार द्वारा दिए गए जवाब में कहा गया:
- NHM के तहत 3216 महिला स्वास्थ्यकर्मी 10 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हैं।
- 1437 महिला स्वास्थ्यकर्मी 10 वर्ष से कम अवधि से कार्यरत हैं।
- फिलहाल स्थायीकरण पर सरकार विचार नहीं कर रही है, क्योंकि यह नीति निर्धारण से संबंधित विषय है और भारत सरकार से कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।
विधायक ने कहा कि लंबे समय से सेवा दे रहीं महिला कर्मियों के भविष्य और सुरक्षा को लेकर सरकार को एक स्पष्ट नीति बनानी चाहिए।
शिक्षकों की कमी पर भी उठाया बड़ा मुद्दा
अपने दूसरे तारांकित प्रश्न में विधायक गागराई ने उत्क्रमित उच्च विद्यालय मेरोमजंगा (कुचाई) में शिक्षकों की भारी कमी का मुद्दा उठाया।
उन्होंने बताया कि—
- विद्यालय में 100 से अधिक छात्र हैं,
- लेकिन लंबे समय तक केवल एक शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत था,
- मूल शिक्षकों को अन्य विद्यालयों में प्रतिनियुक्त कर दिया गया,
- जिससे पठन-पाठन बुरी तरह प्रभावित हुआ।
सरकार का जवाब
सरकार ने स्वीकार किया कि:
- शिक्षकों के प्रतिनियोजन को समाप्त कर दिया गया है,
- अब मूल शिक्षक अपने विद्यालय में वापस योगदान दे चुके हैं,
- वर्तमान में विद्यालय में 3 शिक्षक/शिक्षिकाएँ कार्यरत हैं (दो मूल और एक प्रतिनियोजित)।
विधायक गागराई ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में ऐसी समस्याएँ छात्रों के भविष्य को प्रभावित करती हैं, इसलिए समयबद्ध कार्रवाई जरूरी है।














