सोशल संवाद डेस्क: सांसद प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देते हुए कहा कि बजट 2023-24 पूर्णतया समावेशी एवं अत्यंत प्रगतिशील बजट है जो सबका साथ-सबका विकास की दृष्टि से भारत को प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करेगा। ईज आफ डूइंग बिजनेस, ईज आफ लिविंग और अब ईज ऑफ डूइंग एनीथिंग की ओर अग्रसर किया है।
देश के करोड़ों मध्यमवर्गीय करदाताओं को 07 लाख तक की आय को कर मुक्त कर महिलाओं और वृद्धजनों का विशेष ध्यान रखा गया है। प्रत्येक कर के स्लैब में करदाता को कर में सहूलियत दी गई है। बच्चों की शिक्षा एवं युवाओं के लिए रोजगार, उद्यमियों, मुख्य रूप से एम.एस.एम.ई. को महत्वपूर्ण वित्तीय सुविधाओं का लाभ मिलेगा। स्टार्टअप की चिंताओं का संज्ञान लेते हुए कोविड काल में उनके द्वारा जमा किए गए अपूर्ण कार्य के लिए सिक्योरिटी मनी का 95 प्रतिशत लौटाया जाएगा इससे युवाओं में स्वरोजगार बढ़ेगा। अवस्थापना के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास की योजना भारत की अर्थ व्यवस्था को मजबूत करेगा।
बजट में महिला सम्मान निधि के अनतर्गत महिलाओं को दो लाख के बचत खाते तथा संयुक्त खाते मंे 03 लाख तक 7.5 प्रतिशत का ब्याज तथा उनके नाम से भूमि एवं संपत्ति का पंजीकरण में बढ़ा कर दी गई छूट और सरल प्रक्रिया से ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था से उनका आर्थिक सशक्तीकरण होगा।
स्वयं सहायता समूहों पर विशेष ध्यान देकर सरकार ने भारत की करोडांे उन महिलाएँ को जो इससे जुड़ी है, उनको आर्थिक स्वावलम्बन के लिए सशक्त करेगा। कृषकों के लिए वर्तमान में संचालित कार्यक्रमों के साथ-साथ सहकारिता व एफ.पी.ओ. तथा बाजारों की सुव्यवस्था के माध्यम से छोटे एवं मध्यम किसान जो अधिकतर मोटा अनाज (श्री अन्न) पैदा करते हैं उनकी आय में विशेष बढ़ोतरी होगी।
भारत में खेल उद्योग को बढ़ावा देने, मोबाइल उद्योग सहित छोटे उद्यमियों द्वारा आयात होने वाले उपकरणों व अन्य वस्तुओं पर भी आयात शुल्क कम कर दिया गया है। अनुसूचित जाति व जनजाति को उनके क्षेत्रीय संसाधनो के माध्यम से आए वृद्धि की जाएगी। पर्यटन, पर्यावरण व वै ऊर्जा आदि भी प्राथमिकता पर है। संक्षेप में 2023-24 बजट हर भारतवासी के चहेरे पर मुस्कान लाएगा। यह जानकारी सांसद मीडिय प्रभारी अभिषेक शुक्ला ने दी।