सोशल संवाद/खरसावां (रिपोर्ट- उमाकांत कर): उड़ीसा के राज्य गान वेद उत्कल जननी संगीत के रचनाकार कांतो कवि लक्ष्मीकांत महापात्र की खरसावां के राजबाड़ी प्रांगण में 135 वीं जयंती काफी धूमधाम से मनाया गया। उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
मौके पर उत्कल सम्मेलनी के जिला पर्यवेक्षक सह सचिव सुशील कुमार सारंगी ने कहा कि उन्होंने वंदे उत्कल जननी कविता लिखा था। यह एक उड़िया देशभक्ति कविता है। उनकी साहित्यिक शैली में राष्ट्रवादी जोश और तीखा व्यंग्य था। वह एक कुछ लेखकों में से एक थे, जिन्होंने उस अवधि के दौरान उड़िया साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इस दौरान मुख्य रूप से उत्कल सम्मेलनी के पूर्व जिला अध्यक्ष हरिश्चंद्र आचार्य, जिला उपाध्यक्ष विरोजा पति, जिला पर्यवेक्षक सुशील कुमार सारंगी, जिला सचिव अजय प्रधान, सांसद प्रतिनिधि विजय महतो, सुजीत हाजरा, सपन मंडल, जय जीत सारंगी, रंजीत मंडल, भरत मिश्रा, विजय नायक, चंद्रभानु प्रधान आदि उपस्थित थे।