सोशल संवाद/जमशेदपुर: सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश को उनके जमशेदपुर प्रवास के दौरन दिनांक 21 जनवरी 2023 को चेंबर भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में जमशेदपुर के औद्योगिक विकास एवं आम जनता के मुद्दे पर उनका ध्यान आकृष्ट कराते हुए चर्चा की थी।
उनसे मांग की थी कि जमशेदपुर के आसपास एक एयरपोर्ट का होना अनिवार्य है। जमशेदपुर झारखंड राज्य की औद्योगिक राजधानी है लेकिन यहां अभी तक एयरपोर्ट की स्थापना नहीं हो पाई है एयरपोर्ट नहीं होने के करण यहां का औद्योगिक विकास रुक सा गया है। जिसके करण यहाँ रोजगार में बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है। यहाँ के युवाओं का पलायन हो रहा है। इसीलिए जल्द-से-जल्द एक एयरपोर्ट की स्थापना यहाँ होनी चाहिए या धालभूमगढ़ एयरपोर्ट का निर्माण तुरंत शुरू होना चाहिए। कुछ अतिरिकत मांगों को लेकर एक ज्ञापन चेंबर द्वारा उपसभापति को दिया गया था।
उपसभापति ने एयरपोर्ट के मुद्दे को लेकर भारत सरकार के नगर विमानन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी पत्र लिखा था। इस पत्र के जवाब में मंत्री ज्योतिरादित्य ने उपसभापति के पत्र के जवाब मे लिखा कि धालभूमगढ़ एयरपोर्ट लिमिटेड को 21/ 6/ 2019 को झारखंड में हवाई अड्डे के विकास के लिए संयुक्त उद्यम कंपनी के रूप में बनाया गया था। इसके लिए राज्य सरकार को हवाई अड्डे के विकास के लिए भारतीय विमान प्राधिकरण को सभी भार मुक्त भूमि उपलब्ध करानी थी।
भारतीय विमानपतन प्राधिकरण को राज्य सरकार द्वारा आवश्यक भूमि सोपने के बाद हवाई अड्डे का विकास करना था तथा अन्य क्षेत्र को राज्य सरकार द्वार विकास किया जाना था। पर्यावरण मूल्यांकन समिति ने देखा कि प्रस्तावित स्थल जंगलों में पड़ता है जो बड़ी संख्या में हाथियों का निवास स्थान है, और हाथी गलियारे के रूप में जाना जनता है।
समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि प्रस्तावित स्थल हवाई अड्डे के विकास के लिए उपयुक्त नहीं है। समिति वर्तमान स्थल चयन से सहमत नहीं थी और परियोजना के प्रस्तावक को एक वैकल्पिक स्थल का पता लगाने के लिए कहा गया था। राज्य सरकार द्वारा भारतीय विमान प्राधिकरण को कोई जमीन नहीं सौंपी गई है और राज्य सरकार द्वारा वन मंजुरी अभी प्राप्त की जानी है। साइट पर कोई विकास कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
उपरोक्त सभी तत्वों को ध्यान में रखते हुए भारतीय विमानपतन प्राधिकरण ने धालभूमगढ़ एयरपोर्ट लिमिटेड को बंद करने का निर्णय लिया है और प्रक्रिया के अनुसार सहमति के लिए राज्य सरकार को 23/12/2022 को पत्र भेजा है। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा निर्णय प्रतिक्षित है।