होम 

राज्य

नौकरी

राजनीति

देश दुनिया

योजना

खेल समाचार

टेक

जमशेदपुर

धर्म-समाज  

वेब स्टोरी 

---Advertisement---

11
12
13
previous arrow
next arrow

 

खरसावां में उत्कल सम्मिलनी ने मनाया उत्कल दिवस, मातृभाषा अपनी सभ्यता व पहचान है -षडंगी

By Balram Panda

Published on:

 

---Advertisement---

sachdeva
sachdeva
previous arrow
next arrow

खरसावां / Umakant Kar : उत्कल सम्मिलनी जिला समिति एवं उड़िया शिक्षक शिक्षकों के द्वारा खरसावां के गोपबंधु चौक प्रांगण में मंगलवार को उत्कल दिवस धूमधाम से मनाया, इस दौरान सभी ने राजमहल चौक स्थित पंडित उत्कल मणी गीपबधु दास के प्रतिमा एवं उत्कल गौरव मधुसूदन दास के चित्र पर माल्यार्पण कर ओड़िया भाषा साहित्य संस्कृति के उत्थान का संकल्प लिया, इस दौरान उड़िया शिक्षक ने उत्कल जननी गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई.

वहीं, उत्कल दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कामाख्या प्रसाद षाड़ंगी ने कहा कि मातृभाषा अपनी सभ्यता संस्कृति के प्रति हमेशा मनीभाव रखना हम सभी का परम कर्तत्व है, समाज की विकास में तत्पर रहने वाले महापुरुष गोपाबंधु दास एवं उत्कल गौरव मधुसूदन दास ने अपना पूरा जीवन जनता को समर्पित कर दिया था, उत्कल सम्मिलनी के जिला अध्यक्ष सुमंत मोहंती ने कहा कि पंडित गोपाबंधु दास एवं उत्कल गौरव मधुसूदन दास के अथक प्रयास से 1903 मैं उत्कल सम्मेलनों के गठन हुआ था इसके बाद 1 अप्रैल 1936 में स्वतंत्र ओडिशा प्रदेश के गठन में पंडित गोपबंधु दास एवं उत्कल गौरव मधुसूदन दास ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी उत्कल दिवस कार्यक्रम का संचालन जिला पर्यवेक्षक सुशील षाड़ंगी ने किया,कार्यक्रम में मुख्य रूप से कामाख्या प्रसाद षाड़ंगी, सुमन चंद्र मोहंती, बिराजा पति, सुशील षाड़ंगी, अजय प्रधान, सपनमंडल, सुजीत हाजरा, रंजीत मंडल, जयजीत षाड़ंगी, आदि उपस्थित थे.

 

---Advertisement---

Leave a Comment