सोशल संवाद/जमशेदपुर: द ग्रैजुएट स्कूल कॉलेज फॉर वूमेन, जमशेदपुर में “महिला हिंसा” पर वोकेशनल के छात्राओं ने अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हुई। यह कार्यक्रम “श्रमजीवी महिला समिति” जमशेदपुर, संस्था और वोकेशनल कोर्स, द ग्रैजुएट स्कूल कॉलेज फॉर वूमेन, जमशेदपुर के संयुक्त रूप से किया गया।
इस कार्यक्रम में “श्रमजीवी महिला समिति” जमशेदपुर के संस्थापक, पूर्वी पॉल द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत तथा कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अभी भी महिलाएं अपने अधिकार के प्रति जागरूक नहीं हैं। जिससे महिलाओं में हिंसा में ज्यादा कमी नहीं हो रही है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्या डॉ मुकुल खंडेलवाल ने कहा कि प्राचीन समय से महिला हिंसा का शिकार होती आ रही हैं। लेकिन शिक्षा के बढ़ने से इसमें कमी भी आ रही है। कार्यक्रम के अतिथि के रूप में अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डॉ निर्मला शुक्ला ने कहा कि महिलाओं को हिंसा के खिलाफ आवाज उठाना चाहिए। चाहे वे घरेलू हिंसा हो या सामाजिक हिंसा। इसके लिए छात्राओं को शिक्षा पर बढ़ावा देना चाहिए और हिंसा के प्रति जागरूक रहें।
संस्था के कानूनी सलाहकार रिंकी तिवारी ने महिला हिंसा की रोकथाम हेतु कानून कानून को विस्तार से बताया। कार्यक्रम में बी.एड के कोऑर्डिनेटर डॉ मुकुल भेगराज ने कहा कि भारत “पुरुष प्रधान” देश है। जिससे महिलाओं हिंसा ज्यादा होती है। महिलाओं को सचेत रहने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में “कोड़ाराजी” फिल्म भी छात्राओं को दिखाया गया।
अंत में वोकेशनल के छात्राओं के प्रति महिला हिंसा पर एक स्पीच रखा गया। जिसमें प्रीति प्रसाद- प्रथम, नीतू मांझी- दितीय, नेहा अंथोनी- तृतीय, और पूजा कुमारी को स्पेशल पुरस्कार से नवाजा गया।
इस अवसर पर बी. एड के कोऑर्डिनेटर डॉ मुकुल भेगराज बी.एड के विभागाध्यक्ष डॉ विशेश्वर यादव, जया शर्मा, दीपिका कुजूर, डॉक्टर श्वेता बागडे, डॉक्टर पूनम ठाकुर, डॉक्टर अपराजिता, प्रीति सिंह, मोईत्रि, डॉक्टर मीनू वर्मा, मुकेश कुमार, शारदा कुमारी, सांतनु बैनर्जी कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित थी। रूबी और सुपर्णा का इस कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान रहा।