खरसावां / Umakant kar : कुचाई के पुतुलपीढ़ गांव में वार्षिक मागे नृत्य का आयोजन किया गया. मौके पर गांव के लोग एकत्रित होकर गांव के जाहेर थान (देशाउली) में पूजा अर्चना की. इसके बाद मांदर व नगाडे की थाप पर मागे गीतों में लय मिलाते हुए नृत्य किया. पुतुलपीढ़ में आयोजित मागे नृत्य में शामिल होने के लिये स्थानीय विधायक दशरथ गागराई अपनी पत्नी बासंती गागराई के साथ पहुंचे. दशरथ गागराई ने मांदर व नगाडे पर थाप देते हुए नृत्य किया. इस दौरान हो भाषा में मागे गीत भी गाये गए.
मौके पर विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि मागे पर्व सृजन का पर्व है. मागे पर्व हमारी परंपरा व संस्कृति से जुड़ा हुआ है. परंपरा व संस्कृति ही हमारी पहचान है. इसे संरक्षित करने की आवश्यकता है. यह पर्व आपसी भाईचारा बनाये रखने तथा एक-दूसरे को सहयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस दौरान मुख्य रूप से विधायक दशरथ गागराई, समाजसेवी बासंती गागराई, कालीया जामुदा, चुमरू हेंब्रम समेत गांव के महिला पुरूष उपस्थित थे.