होम 

राज्य

नौकरी

राजनीति

देश दुनिया

योजना

खेल समाचार

टेक

जमशेदपुर

धर्म-समाज  

वेब स्टोरी 

---Advertisement---

Resized Sharma Furniture Banner 1-01-01
Resized Sharma Furniture Banner 2-02
previous arrow
next arrow
IMG-20250815-WA0017
IMG-20250815-WA0018
IMG-20250815-WA0001
IMG-20250815-WA0002
IMG-20250815-WA0003
IMG-20250815-WA0004
IMG-20250815-WA0005
IMG-20250815-WA0006
IMG-20250815-WA0007
3 (1)
4
03 (29)
04
IMG-20250815-WA0183
IMG-20250815-WA0181
previous arrow
next arrow

 

सरायकेला : उप श्रमायुक्त से आदित्यपुर के औद्योगिक इकाइयों में बोनस को लेकर मिले पुरेंद्र…

By Balram Panda

Published on:

 

---Advertisement---

IMG-20250815-WA0008
IMG-20250815-WA0009
IMG-20250815-WA0010
IMG-20250815-WA0011
IMG-20250815-WA0012
IMG-20250815-WA0013
IMG-20250815-WA0014
IMG-20250815-WA0015
IMG-20250815-WA0016
02 (50)
IMG-20250815-WA0185
previous arrow
next arrow

आदित्यपुर / Balram Panda : आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सह राजद के प्रदेश महासचिव पुरेंद्र नारायण सिंह ने आदित्यपुर के औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत मजदूरों को दुर्गा पूजा से पूर्व लाभांश के आधार पर बोनस दिलाने की मांग को लेकर उप श्रमायुक्त जमशेदपुर अरविंद कुमार को ज्ञापन दिया.

पुरेंद्र नारायण सिंह ने उप श्रमायुक्त को बतलाया कि आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में दुर्गा पूजा के पूर्व बोनस देने का प्रावधान शुरू से चला आ रहा है. लेकिन इधर यह देखने में आ रहा है कि कुछ बड़ी औद्योगिक इकाइयों को छोड़कर कोई भी ना तो समय पर बोनस का भुगतान कर रहे हैं और ना ही सही तरीके से बोनस का भुगतान कर रहे हैंl बोनस का भुगतान औद्योगिक इकाइयों के हुऎ नफा पर आधारित है एवं उन्हें नफा न होने की स्थिति में न्यूनतम 8.33% बोनस देना है जबकि लगभग 90% कार्यरत इकाइयों में 8.33% को ही अपना बोनस देने का आधार बनाकर कार्य करती हैl उसमें से भी बहुत सारी इकाइयां तो बोनस का भुगतान करती ही नहीं है, उन्हें बोनस का भुगतान नहीं करना पड़े इसलिए वह मजदूरों को ठेकेदार के द्वारा कार्य में नियोजित करती है.

पुरेंद्र नारायण सिंह ने उप श्रमायुक्त से मांग किया कि औद्योगिक क्षेत्र के सभी इकाइयों में बोनस की सघन जांच कर मजदूरों को उनका हक दिलाया जाए क्योंकि ज्यादातर प्रतिष्ठान बोनस भुगतान अधिनियम 1965 के तहत प्रपत्र ए बी सी डी नहीं रखते हैं और ना ही सेट ऑन और सेट ऑफ का पालन करते हैं. वे ना ही येलोकेवल सरप्लस के आधार पर कोई निर्णय लेते हैं और न हीं लाभांश के आधार पर बोनस की दरें तय करते हैंl ज्यादातर औद्योगिक इकाइयां और उनके वेंडर न्यूनतम बोनस 8.33 % देकर मजदूरों का वास्तविक हक देने से कतराते हैंl औद्योगिक इकाइयों और उसके वेंडर को न्यूनतम 8.33% और अधिकतम 20% बोनस देना है, मगर ज्यादातर इकाइयां न्यूनतम बोनस देकर मजदूरों की हकमारी कर रही है.

पुरेंद्र नारायण सिंह ने उप श्रमायुक्त से संपूर्ण बिंदुओं पर जांच कर मजदूरों को लाभांश पर आधारित बोनस औद्योगिक इकाइयों और उनके वेंडर (ठेकेदार) से दिलाने हेतु औद्योगिक इकाइयों और उनके वेंडर को आवश्यक दिशा निर्देश देने को आग्रह किया है.

 

---Advertisement--- 

 

Leave a Comment