सरायकेला / Balram Panda : कुड़मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) की मान्यता देने और कुरमाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में शनिवार को “रेल टेका – डहर छेका” आंदोलन का आह्वान किया गया था. जहाँ कुछ जगहों पर आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त कर दिया गया, वहीं सारायकेला जिले के सिनी रेलवे स्टेशन के पास मुड़ा टाड़ में कुड़मी समुदाय का प्रदर्शन अब तक भी जारी रहा.
स्थानीय आंदोलनकारियों ने स्पष्ट किया कि उन्हें आंदोलन वापसी को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से कोई जानकारी नहीं मिली है, इसीलिए वे धरने पर डटे हुए हैं. खबर लिखे जाने तक आंदोलनकारी करीब 16 घंटे से रेल पटरी पर जमे हुए थे. उनका कहना है कि जब तक कोई आधिकारिक सूचना या निर्देश नहीं मिलता, धरना जारी रहेगा.
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सिनी रेल टेका आंदोलन का नेतृत्व आजसू पार्टी के माकुड़ महतो, JLKM के नवीन महतो, और झामुमो के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष जगदीश महतो ने किया. वहीं, मौजूद कुड़मी नेता सुमित महतो ने बताया कि “हमें केंद्रीय नेतृत्व की ओर से कोई संदेश नहीं मिला है. यदि निर्देश मिलता है, तो हम आंदोलन समाप्त कर देंगे. लेकिन अगर मांगें नहीं मानी जातीं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.”
इधर, कुछ स्थानों पर आंदोलन समाप्त करते हुए नेताओं ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है, लेकिन सिनी में प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि ज्ञापन सौंपने से पहले उनसे कोई राय-मशविरा नहीं किया गया, जिससे आंदोलनकारियों के बीच नाराजगी देखी जा रही है.
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि अब यदि आंदोलन जारी रहता है तो उसकी जिम्मेदारी वे नहीं लेंगे, क्योंकि उन्होंने ज्ञापन सौंपकर अपनी भूमिका पूरी कर दी है. वहीं, आंदोलनकारियों का कहना है कि उनकी सहमति के बिना कोई निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए था.
मौके पर रेल यातायात आंशिक रूप से बाधित रहा, और स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है. आंदोलन शांतिपूर्ण है, लेकिन बढ़ते असंतोष को देखते हुए स्थिति संवेदनशील बनी हुई है.
बाईट –
सुमित महतो (कुड़मी नेता)