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सरायकेला : कोल लाको बोदरा की जयंती पर आदिवासी समाज में एकजुटता का संदेश, जनप्रतिनिधियों ने किया आह्वान…

By Balram Panda

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सरायकेला / Balram Panda: आदिवासी समाज के महान विचारक, हो भाषा और संस्कृति के अग्रदूत ओत् गुरु कोल लाको बोदरा जी की 106वीं जयंती के अवसर पर शुक्रवार को सरायकेला बड़बिल चौक पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर सिंहभूम के लोकप्रिय सांसद आदरणीय जोबा मांझी और सरायकेला विधानसभा से झामुमो प्रत्याशी गणेश माहली ने कार्यक्रम में सम्मिलित होकर ओत् गुरु कोल लाको बोदरा जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.

इस दौरान ओत् गुरु के विचारों, सिद्धांतों एवं उनके सांस्कृतिक योगदान को स्मरण करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया. कार्यक्रम में स्थानीय नागरिकों, बुद्धिजीवियों और समाजसेवियों की भी सक्रिय भागीदारी रही.

बता दे हो भाषा के संवर्धन और संरक्षण में कोल लाको बोदरा जी के योगदान को अतुलनीय बताया गया. वहीं, वक्ताओं ने कहा कि उन्होंने न सिर्फ हो भाषा को लिपिबद्ध करने का कार्य किया, बल्कि आदिवासी समाज को भाषा, संस्कृति और शिक्षा के माध्यम से संगठित करने की दिशा में ऐतिहासिक कार्य किए.

वहीं, सांसद जोबा मांझी ने अपने संबोधन में कहा कि “कोल लाको बोदरा जी ने हमें अपनी पहचान, अपनी भाषा और अपनी संस्कृति से जोड़ा. उनके सपनों को साकार करना हम सबकी जिम्मेदारी है.” वहीं प्रत्याशी गणेश माहली ने कहा कि “हो समाज के विकास में लाको बोदरा जी का योगदान अमिट है. उनके पदचिन्हों पर चलकर ही हम समाज को सशक्त बना सकते हैं.”

कार्यक्रम के अंत में उपस्थित जनसमुदाय ने एक स्वर में हो भाषा और आदिवासी अस्मिता की रक्षा के लिए एकजुट रहने का संकल्प लिया

 

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