सरायकेला / Balram Panda: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड आंदोलन के पुरोधा दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर पूरे राज्य में शोक की लहर है. झामुमो सरायकेला विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी गणेश माहली ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड ने आज अपना पथ प्रदर्शक खो दिया.
उन्होंने भावुक होकर कहा, “आदरणीय दिशोम गुरु बाबा शिबू सोरेन जी अब हमारे बीच नहीं रहे…! जो प्यार और आशीर्वाद मुझे उनसे मिला, वह मैं जीवनभर नहीं भूल सकता. भले ही मैं उन्हें बहुत लंबे समय तक न जान सका, लेकिन जिस नज़दीकी से मैंने उन्हें महसूस किया, उनके विचारों को समझा, वह मेरे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है.”
गणेश माहली ने कहा कि शिबू सोरेन ने न केवल अलग झारखंड राज्य के आंदोलन का नेतृत्व किया, बल्कि आदिवासी समाज के उत्थान के लिए जो संघर्ष, बलिदान और त्याग किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा. उन्होंने आदिवासी अस्मिता को राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई.
माहली ने इस दुःख की घड़ी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पूरे सोरेन परिवार के साथ अपनी एकजुटता और सहानुभूति प्रकट की. उन्होंने कहा, “मन बहुत उदास और हताश है। हम सभी आदिवासी समाज और कार्यकर्ता इस अपूरणीय क्षति को महसूस कर रहे हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि बाबा की पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे.” वहीं, शोक संदेश के अंत में उन्होंने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा —
ॐ शांति.