जनसंवाद, जमशेदपुर। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक श्री सरयू राय ने लिट्टी चौक, जमशेदपुर से एनएच-33 , भिलाई पहाड़ी को जोड़ने के लिए स्वर्णरेखा नदी पर बन रहे पुल का नामकरण रतन टाटा के नाम पर करने की मांग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की है। उन्होंने पुल का नाम रतन टाटा सेतु और पहुंच पथ (एप्रोच रोड) का नाम रतन टाटा पथ रखने की भी मांग की है। श्री राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि पुल और एप्रोच रोड बनाने का काम एक-दो दिनों में शुरु कर दिया जाए क्योंकि उसके बाद आचार संहिता लागू होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शुक्रवार को लिखे पत्र में श्री राय ने कहा कि पुल एवं पहुंच पथ का शिलान्यास आपने 4 अक्टूबर 2024 को किया था। पुल और पहुंच पथ के रेखांकन सीमा में टाटा स्टील का भी योगदान है। पुल के दोनों तरफ़ पहुंच पथ की ज़मीन टाटा स्टील के अधीन थी, जिसे उन्होंने निःशुल्क पथ निर्माण विभाग को हस्तगत करा दिया। फलतः भूमि अधिग्रहण का व्यय राजकोष से नहीं करना पड़ा और पुल एवं पहुंच पथ के निर्माण की लागत में कमी आई।
अपने पत्र में श्री राय ने लिखा है कि आरम्भ में पथ निर्माण विभाग के अभियंताओं ने पुल और पहुंच पथ निर्माण का प्राक्कलन क़रीब 177 करोड़ रुपये का बनाया था जिसमें भूमि अधिग्रहण का व्यय भी शामिल था। भूमि अधिग्रहण की औपचारिकताएँ पूरा करने में काफ़ी समय लगता और कार्य आरम्भ होने में विलंब होता। मैंने टाटा स्टील के अधिकारियो से वार्ता की तो उन्होंने बताया कि पुल के दूसरे छोर की ओर एनएच- 33 तक पथ निर्माण लायक़ भूमि टाटा स्टील लिमिटेड ने पहले से क्रय कर रखा है जिसे वे सरकार को पहुंच पथ का निर्माण करने के लिए निःशुल्क दे सकते हैं। तब मैंने इसकी सूचना पथ निर्माण विभाग के सचिव एवं अभियंताओं को दी। तदनुसार पुल और पहुंच पथ का पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार हुआ और पुल-पहुंच पथ निर्माण का व्यय घटकर 77 करोड़ रुपये हो गया। इसमें से पुल और पहुंच पथ निर्माण का प्राक्कलित व्यय मात्र 44 करोड़ है। शेष राशि विविध कार्यों के लिए संरक्षित है। इस प्राक्कलन के आधार पर निविदा प्रकाशित हुई तो न्यूनतम निविदा दर क़रीब 40 करोड़ पर चयनित संवेदक को कार्य आदेश दिया गया है।
श्री राय ने लिखाः अनुरोध है कि निर्माणाधीन लिट्टी चौक-एनएच 33 पुल का नामकरण “रतन टाटा सेतु” एवं पहुंच पथ का नामकरण “रतन टाटा पथ” के रूप में किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि पुल और पहुंच पथ का गुणवत्तापूर्ण निर्माण कम से कम रिकार्ड समय में किया जाए।