होम 

राज्य

नौकरी

राजनीति

देश दुनिया

योजना

खेल समाचार

टेक

जमशेदपुर

धर्म-समाज  

वेब स्टोरी 

---Advertisement---

 

 

चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव की पहल से खरसावां शैली छऊ को पहचान दिलाने की कवायद शुरू

By Goutam

Published on:

 

विधायक

---Advertisement---

444146176_856578976490199_182231
sachdeva
previous arrow
next arrow

जनसंवाद डेस्क/खरसावां: विभिन्न शैलियों की छऊ गुरुओं की एक बैठक खरसावां अर्जुना स्टेडियम में आयोजित की गई। इस बैठक में चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव के नेतृत्व में खरसावां शैली छऊ नृत्य  की पहचान दिलाने का निर्णय लिया गया।

बता दें कि झारखंड में छऊ की मुख्यतः तीन शैलियां प्रचलित हैं। सरायकेला, मानभूम एवं खरसावां शैली। सरायकेला एवं मानभूम शैली छऊ की तो मान्यता है, परंतु सम्पूर्ण कोल्हान में सबसे अधिक प्रचलित खरसावां शैली छऊ नृत्य की मान्यता न केंद्र सरकार देती है ना राज्य सरकार। विभिन्न छऊ गुरुओं ने इस मामले को विधायक सह छऊ नृत्य के कलाकार सुखराम उरांव के समक्ष अपनी समस्याएं रखी।

गुरु परमानंद नंदा ने कहा कि इतने बड़े क्षेत्र में प्रचलित इस नृत्य शैली को अभी तक पहचान न मिलना हम सभी कलाकारों के लिए दुखद है। वहीं मानभूम शैली के गुरु प्रभात महतो ने कहा कि संपूर्ण मानभूम क्षेत्र जो शैली प्रचलित है उसे मानभूम शैली छऊ माना जाय न कि पुरुलिया शैली।

गुरु तपन कुमार पटनायक ने कहा कि मजबूती से इस मामले को राज्य सरकार के समक्ष न रखे जाने के कारण अभी तक खरसावां शैली को मानता नहीं मिल सकी है।कलाकारों ने सरायकेला खरसावां जिले में बंद पड़े तीनों कला केंद्रों को पूर्व व्यवस्था के तहत पुन शुरू करने,  कोल्हन यूनिवर्सिटी के सिलेबस में खरसावां शैली छऊ  की पढ़ाई शुरू करने, खरसावां शैली छऊ का सिलेबस तैयार करने एवं इस शैली को पूर्ण मान्यता देने के लिए कदम उठाने की मांग रखी ।

विधायक ने इस मामले को मुख्यमंत्री एवं विभाग के सामने रखकर समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा की पूर्ण मान्यता  प्राप्त करने के लिए खरसावां शैली छऊ नृत्य कलाकारों का वह पूर्ण सहयोग के साथ उनके संघर्ष में शामिल रहेंगे। इस बैठक में विभिन्न छऊ शैलियों के कई कलाकार एवम गुरु उपस्थित थे।

 

---Advertisement---

Leave a Comment