जनसंवाद, चांडिल : नारायण प्राइवेट आईटीआई, लुपुंगडीह चांडिल में आज महान स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी एवं निर्भीक पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी जी की जयंती बड़े ही श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं पुष्प अर्पण के साथ हुआ। शिक्षकों और छात्रों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक सह प्रदेश कार्य समिति सदस्य डॉ. जटाशंकर पांडे ने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी जी का जन्म 26 अक्तूबर 1890 को प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। वे एक निर्भीक पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी और समाजसेवी थे। उन्होंने 1913 में ‘प्रताप’ नामक साप्ताहिक पत्र की स्थापना की, जिसके माध्यम से ब्रिटिश सरकार के अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध जनजागरण किया।

उन्होंने किसानों, मजदूरों और आम जनता की आवाज को बल दिया। वे महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित थे और असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। 1931 में कानपुर में हुए दंगों के दौरान वे हिंदू-मुस्लिम एकता बनाए रखने का प्रयास करते हुए शहीद हो गए। उनका जीवन सत्य, साहस और मानवता का प्रतीक माना जाता है।
डॉ. पांडे ने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी जी भारतीय पत्रकारिता के इतिहास के ऐसे नायक थे जिन्होंने सत्य, साहस और जनसेवा के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य किया। हमें उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर सद्भावना, एकता और राष्ट्रसेवा की भावना से कार्य करना चाहिए।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा देशभक्ति गीत, भाषण एवं विचार प्रस्तुति दी गई, जिससे वातावरण देशप्रेम से ओतप्रोत हो उठा। संस्थान के प्राचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी जी ने अपने जीवन से यह सिद्ध किया कि कलम की ताकत तलवार से कहीं अधिक होती है।
इस अवसर पर मुख्य रूप से एडवोकेट निखिल कुमार, शांति राम महतो, जयदीप पांडे, भगत लाल तेली, प्रकाश महतो, पवन महतो, शुभम साहू, संजीत महतो, गौरव महतो, अजय मंडल एवं कृष्णा पद महतो उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन एक प्रशिक्षक द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।


















