जनसंवाद डेस्क/जमशेदपुर: टाटा मोटर्स के स्थायी कर्मचारी गणेश चंद महतो (56) की मौत के बाद एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है। महज 24 घंटे के अंदर उसके परिजनों को 70 लाख रुपए का मुआवजा और बेटे को स्थायी नौकरी का समझौता हुआ है।
शनिवार की शाम टाटा मोटर्स प्रबंधन और टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के साथ परिजनों की बैठक में इस संबंध में लिखित समझौता हुआ। समझौता के संबंध में जानकारी देते हुए टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के प्रेस प्रवक्ता नवीन सुलंकी ने बताया कि समझौता में तय हुआ कि मृतक कर्मचारी के पुत्र ध्रुव महतो को टाटा मोटर्स जमशेदपुर प्लांट में स्थायी नौकरी दी जायेगी। परिवार को ग्रुप इंश्योरेंस, सेवा निधि, पीएफ और ग्रेच्यूटी आदि का भी नियमाकूल भुगतान किया जायेगा। इसमें ग्रुप इंश्योरेंस के लगभग 10 लाख रुपये, सेवा निधि के लगभग 40 से 42 लाख रुपए और लाइफ कवर स्कीम के लगभग 6 लाख रुपये शामिल हैं।
इसके अलावा दिवंगत कर्मचारी के परिजनों को पीएफ, ग्रेच्यूटी सहित अन्य राशि अलग से मिलेगी. कुल मिलाकर लगभग 70 लाख रुपये परिजनों को मिलेंगे। मृतक की पत्नी दुर्गा रानी महतो को प्रतिमाह लगभग 3500 रुपये पेंशन मिलेगी। दो बच्चियों की पढ़ाई के लिए उनके 21 साल का होने तक अलग से खर्च मिलता रहेगा। ध्रुव महतो जब चाहे घर के कार्यक्रम समाप्त होने के बाद टाटा मोटर्स में ज्वाइन कर सकते हैं। इसका ऑफर लेटर यूनियन के सभी सदस्यों के समक्ष श्रमिक राय के उपस्थिति में अध्यक्ष गुरमीत सिंह, महामंत्री आरके सिंह ने दिवंगत कर्मचारी की पत्नी को दिया।
यूनियन के महामंत्री आर के सिंह ने प्रबंधन के सभी वरीय पदाधिकारी विशेष कर वी पी विशाल बादशाह, वरीय पदाधिकारी सीताराम कांडी, प्लांट हेड रविन्द्र कुलकर्णी, एच आर हेड मोहन् घंट, ई आर हेड सौमिक रॉय इत्यादि सभी अधिकारियों का बहुत-बहुत आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया। अध्यक्ष गुरमीत सिंह ने कहा हम इस समझौते से अपने आप को संतुष्ट मानते है और यूनियन का जो स्लोगन है कि हम हर स्थिति में अपने कर्मचारियों के साथ खड़े हैं यह कथनी आज यथार्त होता नजर आया।
उनके परिवार के सदस्यों के अनुसार उनकी अंत्योष्टि आज शाम ही की जाएगी। उनकी पुत्री द्वीगश्री महतो ने कहा कि प्रबंधन के सभी लोग जिसमे विशेष रूप से सौमिक रॉय यूनियन के अध्यक्ष और महामंत्री को बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहती हु मेरे भाई को नौकरी प्रदान कर इस कठिन घड़ी में बहुत बड़ा सहारा प्रदान किया है। पुनः हृदय से धन्यवाद देती हूं।