जनसंवाद, खरसावां (उमाकांत कर): खरसावां जिले के कुचाई प्रखंड अंतर्गत तिलोपदा पंचायत के दुखियाडीह गाँव में गुरुवार को पारंपारिक वनाधिकार पत्थरगाड़ी और बोर्ड गाड़ी कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस मौके पर ग्रामीणों ने जंगल बचाने और अपने परंपरागत अधिकारों की रक्षा करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का आयोजन ग्राम गणराज्य ग्राम सभा एवं सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन समिति दुखियाडीह की ओर से किया गया। इसमें मुण्डा सह ग्राम सभा के पदेन अध्यक्ष मांगीलाल सुम्बरुई की अध्यक्षता रही।
मालूम हो कि दुखियाडीह के 160 एकड़ 83 डी सुरक्षित वन को 2020 में झारखंड सरकार ने सामुदायिक वनाधिकार पत्र ग्राम सभा को निर्गत किया था। यह मान्यता वनाधिकार अधिनियम 2006 तथा उसके नियम 2008 व संशोधित नियम 2012 के तहत मिली थी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित खरसावां विधायक दशरथ गागराई, आईसीएफजी केंद्रीय सदस्य सोहनलाल कुम्हार, विधायक प्रतिनिधि धमेंद्र सिंह मुंडा, भरत सिंह मुंडा, मुखिया करम सिंह मुंडा, मुखिया राम सोय समेत कई जनप्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से पूजा-अर्चना व फीता काटकर उद्घाटन किया।
अपने संबोधन में विधायक दशरथ गागराई ने कहा, “आदिवासियों का पहचान जंगल से है। यह हमारी विरासत और अस्मिता है। जंगल न केवल आजीविका का साधन है बल्कि आने वाली पीढ़ियों की धरोहर भी है। वनाधिकार अधिनियम 2006 से आदिवासी और वनवासी समुदायों को उनके पारंपरिक अधिकार मिले हैं।”
इस अवसर पर ग्रामीणों ने विधायक को खेल मैदान निर्माण हेतु आवेदन सौंपा। विधायक ने आश्वासन देते हुए कहा कि विधायक निधि से खेल मैदान का निर्माण कराया जाएगा।
आईसीएफजी के केंद्रीय सदस्य सोहनलाल कुम्हार ने जंगलों में मौजूद जैवविविधता को पारिस्थितिकीय संतुलन के लिए महत्वपूर्ण बताया। वहीं, विधायक प्रतिनिधि धर्मेंद्र सिंह मुंडा और भरत सिंह मुंडा ने कहा कि आदिवासियों का जीवन सदियों से जंगलों से जुड़ा रहा है और वनोपजों के संग्रहण से आज भी ग्रामीण अपनी आजीविका चला सकते हैं।
कार्यक्रम का संचालन मंगल सिंह हांसदा और भरत सिंह मुंडा ने किया। मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण, सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।