खरसावां / Umakant Kar : मातम का त्योहार मोहर्रम सादगी से मनाया गया। इस अवसर पर मुस्लिम धर्म के अनुयायियों ने विशेष रोजे रखे एवं फातिहा पड़ी। कई लोगों ने विशेष नमाज अदा की. बता दें कि इस दिन को कर्बला में इस्लाम के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत के रूप में याद किया जाता है. इंसाफ के लिए जुल्म के खिलाफ हुई लड़ाई में इमाम हुसैन ने अपने साथियों के साथ अपनी शहादत दी थी.
कल रात खरसावां के बेहराशाही स्थित इमाम बाड़े में फातिहा पढ़ी गई एवं लोगों में मिठाइयां और खिचड़ी बांटे गए. कई लोगों ने अपनी मन्नतें पूरी होने पर लोगों में मिठाइयां बांटी. अन्य स्थानों की तरह खरसावां में भी जुलूस निकाली जाती है. मोहर्रम समितियां के निर्णय के अनुसार खरसावां में मोहर्रम का जुलूस 7 जुलाई सोमवार को निकाली जाएगी.